चम्बल को बचाने के लिए एक्शन प्लान की ज़रूरत

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कोटा। समर्पण बहुउद्देषीय विकास समिति के तत्वावधान में विश्व पर्यावरण सप्ताह के अंतर्गत एक विचार गोष्ठी का आयोजन आज छत्रबिलास उद्यान में डॉक्टर सुधीर गुप्ता के मुख्य आथित्य, संरक्षिका सुमन श्रृंगी की अध्यक्षता एवं आरएस कसेरा की उपस्थिति में किया गया।

संगोष्ठी में डॉ. सुधीर गुप्ता ने कहा कि वन्य जीवों के संरक्षण से पर्यावरण संतुलित एवं संरक्षित रहता है | वन्यजीवों में बाघ की उपयोगिता से पर्यावरण पर प्रभाव, राष्ट्रीय पक्षी मोर के संरक्षण, वृक्षारोपण समेत अनेक विषयो पर अपने अनुभव साझा किये। संयोजक सुधीन्द्र गौड़ ने शहर में बढ़ते प्रदूषण, बढ़ते यातायात के प्रदूषण एवं किशोर सागर तालाब में धार्मिक आयोजनों से होने वाले प्रदूषण की और ध्यान दिलाया।

बृजेश  विजय ने चम्बल नदी के प्रदूषण में प्रशासनीय उपेक्षा का उल्लेख किया । सामाजिक कार्यकर्ता राकेश शर्मा ‘राकू’ ने कहा कि चम्बल को बचाने के लिए गोष्ठियों चर्चाओं की जगह एक्शन प्लान की ज़रूरत है । डॉ. आरसी साहनी ने तम्बाकू सिगरेट की तरह पॉलीथिन थैलियों पर भी हानिकारक चेतावनी लिखने की सलाह दी।

आरएस कसेरा ने कहा कि समर्पण विकास समिति पर्यावरण तथा बालिका विकास पर प्रमुख रूप से कार्य कर रही है वर्त्तमान में पॉलीथिन का 10 वर्षो में जितना उपयोग हुआ है, वो विगत 100 वर्षो में भी नहीं हुआ, जो कि चिंता का विषय है। सुमन श्रृंगी ने सीबी गार्डन में पॉलीथिन पर कठोर प्रतिबन्ध लगाने का सुझाव दिया।

संगोष्ठी के अंत में विजय माहेश्वरी ने पर्यावरण की अनेक जानकारियां प्रस्तुत करते हुए सभी को धन्यवाद् ज्ञापित किया।चर्चा में जीएल धाकड़, संतोष गुप्ता, दिनेश शर्मा, पीएस पंवार, हिकमत खान अखलाक हुसैन आदि ने अपने विचार रखे।