नई दिल्ली। भारतीय स्टेट बैंक (SBI), पीएनबी, आईसीआईसीआई बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने मार्जिनल कास्ट पर आधारित लेंडिंग रेट यानी एमसीएलआर में 0.1 फीसदी का इजाफा किया है। नया एमसीएलआर आज से लागू हो गया है। वही हाउसिंग फाइनेंस कंपनी एचडीएफसी ने रिटेल प्राइम लेंडिंग रेट में भी बढ़ोतरी कर दी है।इसका मतलब यह है कि इनसे लेने वाले ग्राइकों को लोन पर ज्यादा ब्याज चुकाना होगा। हालांकि इसका असर बेस रेट पर लोन ले चुके पुराने ग्राहकों पर नहीं होगा।
एचडीएफसी, पीएनबी, आईसीआईसीआई बैंक का लोन हुआ महंगा
एचडीएफसी ने भी अपना रिटेल प्राइम लैंडिंग रेट (RPLR) को बढ़ा दिया है, जिससे होम लोन महंगे हो जाएंगे। कंपनी ने इसमें 10 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोत्तरी की है। यह बढ़ोत्तरी 2 जून से लागू होगी। वहीं पीएनबी और आईसीआईसीआई बैंक ने भी अपनी MCLR में 10 बेसिस प्वाइंट का इजाफा किया है।
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने एमसीएलआर 0.1 फीसदी बढाया
एासबीआई के बाद यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने भी अपना एमसीएलआर 10 बेसिस प्वाइंट यानी 0.1 फीसदी बढ़ा दिया है। यानी अब यूनियन बैंक से लोन लेने वाले ग्राहकों को ज्यादा ब्याज चुकाना होगा। इसके अलावा यूनियन बैंक से एमसीएलआर पर लोन ले चुके ग्राहकों की ईमएआई भी बढ़ जाएगी।
पर्सनल लोन से लेकर बिजनेस लोन तक हुआ महंगा
एमसीएलआर बढ़ने से अब एसबीआई से होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन और बिजनेस लोन लेना महंगा हो गया है। ग्राहकों को अब ऐसे लोन के लिए ज्यादा ब्याज देना होगा।
मौजूदा ग्राहकों की भी बढ़ सकती है EMI
एमसीएलआर बढ़ने से एमसीएलआर पर लोन लेने वाले मौजूदा ग्राहकों की EMI भी बढ़ सकती है। आम तौर पर एमसीएलआर 1 से 3 साल पर रीसेट होते हैं। ऐसे में अगर किसी ने 1 जून 2017 को होम लोन लिया है तो उसकी ईएमआई अब बढ़ जाएगी। इसी तरह से अगर किया ने 1 जुलाई 2017 को कार लोन लिया है तो 1 जुलाई 2018 को उसके लोन की ईएमआई बढ़ जाएगी।
एसबीआई ने दूसरी बार बढ़ाया एमसीएलआर
एसबीआई ने इस साल यानी 2018 में दूसरी बार एमसीएलआर बढ़ाया है। इससे पहले बैंक ने मार्च में एमसीएलआर में 0.2 फीसदी का इजाफा किया था। एसबीआई ने अपना डिपॉजिट रेट अभी कुछ दिन पहले ही बढ़ाया है।
मॉनिटरी पॉलिसी से पहले बैंक बढ़ा रहे एमसीएलआर
रिजर्व बैंक की मॉनिटरी पॉलिसी 6 जून को आने वाली है। इससे पहले बैंक एमसीएलआर रेट बढ़ा रहे हैं। पिछले कुछ माह के दौरान एमबीआई के अलावा पीएनबी, बैंक ऑफ बड़ौदा, आईसीआईसीआई बैंक ने एमसीएलआर में इजाफा किया है। माना रहा है कि रिजर्व बैंक इस बार न्यूट्रल रवैया छोड़ कर नीतिगत दरों में इजाफा कर सकता है। अप्रैल की मॉनिटरी पॉलिसी में रिजर्व बैंक ने इसका संकेत दिया था।
बैंक हर माह करते हैं एमसीएलआर की समीक्षा
बैंक एमसीएलआर रेट की समीक्षा हर माह करते हैं। बैंक अपन फंड की लागत के आधार एमसीएलआर घटाते या बढ़ाते हैं। रिजर्व बैंक ने अप्रैल 2016 से एमसीएलआर सिस्टम लागू किया था। रिजर्व बैंक का मानना था कि एमसीएलआर सिस्टम में ग्राहकों को नीतिगत रेट में कटौती का फायदा तेजी से मिलेगा।