नई दिल्ली। सरकार ने सड़क हादसे के पीड़ितों को दिए जाने वाले मुआवजे की राशि में संशोधन किया है। इस संशोधन के तहत हादसे में जान जाने की स्थिति में थर्ड पार्टी क्लेम पर 5 लाख रुपए की मुआवजा राशि दी जाएगी। यह संशोधन मोटर व्हीकल एक्ट 1988 के तहत हुआ है। वहीं क्लेम की राशि मिलने की स्थिति में थर्ड पार्टी के अदालत में जाने का ऑप्शन बंद हो जाएगा।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
साधारण बीमा कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन जनरल इंश्योरेंस काउंसिल (जीआईसी) के सेक्रेटरी जनरल एम. चंद्रशेखरन ने बताया कि सरकार के इस फैसले का मकसद बाहर ही मामले को सैटल करना है। इससे थर्ड पार्टी को सीमित समय में मुआवजे की राशि मिल जाएगी। जबकि कोर्ट में भी इंश्योरेंस से जुड़े मामलों की संख्या में कमी आएगी।
ऐसा होगा फॉर्मूला
मुआवजे की राशि को तय करने के लिए एक फॉर्मूला तैयार किया है। इसमें 5 लाख रुपए की मुआवजा राशि और विकलांगता के प्रतिशत के अाधार पर यह रशि तय होगी।
– स्थायी विकलांगता की स्थिति में किसी भी हालत में कम से कम 50 हजार रुपए का मुआवजा दिया जाएगा।
– हालांकि हल्की इंजरी की स्थिति में 25 हजार रुपए की मुआवजा राशि दी जाएगी।
– यह संशोधन तत्काल प्रभाव से लागू हो चुका है।
– इसलिए अगर 22 मई से कोई भी थर्ड पार्टी मुआवजे के लिए क्लेम करती है, तो उसे यह राशि दी जाएगी।
2019 से हर साल 5 फीसदी का इजाफा
नोटिफिकेशन में बताया गया है कि 1 जनवरी, 2019 से सभी प्रकार के क्लेम के लिए मुआवजे की राशि में सालाना 5 फीसदी बढ़ाई जाएगी। यानी एक्सीडेंट में जान जाने की स्थिति में 1 जनवरी 2019 से मुआवजे की राशि में 5 फीसदी का इजाफा होगा। यानी थर्ड पार्टी को 5,25,000 रुपए की राशि दी जाएगी। इसी तरह मामूली एक्सीडेंट पर मुआवजे की राशि 25 हजार रुपए की बजाए 26,250 रुपए हो जाएगी।