नई दिल्ली। ई-वे बिल का दोबारा लांच सरकार के लिए राहत भरा रहा है। अप्रैल के पहले दो दिन में ई-वे बिल को लेकर जहां ऑनलाइन सिस्टम फेल नहीं हुआ, वहीं सरकार को ट्रेडर्स के तरफ से ज्यादा शिकायतें नहीं आई है। इसी रिस्पांस को देखते हुए सोमवार को रेवेन्यु सेक्रेटरी हसमुख अढिया ने ई-वे बिल के लांच को सफल बताया है।
इसके पहले फरवरी में ई-वे बिल का ऑनलाइन सिस्टम कुछ ही घंटों में फेल हो गया था। प्रेस कांफ्रेंस में अढिया ने जहां ई-वे बिल को सफल बताया वहीं उन्होंने जीएसटी कलेक्शन और डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन के आंकड़ों को भी जारी किया है। हसमुख अढिया के अनुसार जीएसटी कलेक्शन में बढ़ोत्तरी का रुझान है।
मार्च के अंत तक करीब 90 हजार करोड़ रुपए का जीएसटी कलेक्शन हुआ। मार्च का कलेक्शन अच्छा रहा। साथ ही फाइनेंस सेक्रेटरी ने कहा कि 2017-18 में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन टारगेट से ज्यादा हो गया है। निश्चित रूप से हम संशोधित वित्तीय घाटे के लक्ष्य को हासिल कर लेंगे।
एंटी प्रॉफिटिंग में 200 करोड़ के मामले पकड़े
एंटी प्रॉफिटिंग के मसले पर हसमुख अढिया ने कहा कि हमें करीब 200 शिकायतें एंटी प्रॉफिटिंग के लिए मिलीं। जीएसटी इंटेलिजेंस के डीजी ने 200 करोड़ रुपए के ऐसे मामले पकड़ें, जिनमें जीएसटी कलेक्ट की गई लेकिन जमा नहीं की गई।
ई-वे बिल अब तक सफल
फाइनेंस सेक्रेटरी ने कहा कि ई-वे बिल अबतक सफल रहा है। इसमें अभी तक कोई दिक्कत सामने नहीं आई है। इंट्रा-स्टेट ई-वे बिल लागू करने का एलान जल्द कर दिया जाएगा। वहीं, सीबीईसी चेयरमैन वनजा एस सरना ने कहा कि अब तक जीएसटी रिफंड 17,616 करोड़ रुपए रहा।
पहले दिन 2.59 लाख ई-वे बिल हुए जेनरेट
गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स नेटवर्क (जीएसटीएन) के सीईओ ने बताया कि ई-वे बिल लागू होने के पहल दिन 2.59 लाख जेनरेट हुए। सोमवार को 3 बजे तक 2.89 लाख जेनरेट हुए। उन्होंने बताया कि 1.10 करोड़ रजिस्टर्ड डीलर्स ने 8.38 करोड़ रुपए का रिटर्न फाइल किया। हम ई-वे मैकेनिज्म लागू होने से संतुष्ट हैं। ई-वे एस सर्वर अधिक से अधिक लोड लेने में सक्षम है। 35 राज्यों और 2 सिस्टम को ई-वे मैकेनिज्म में मर्ज कर दिया गया है। 1.36 करोड़ ट्रेडर्स और 11 लाख से अधिक डीलर अबतक रजिस्टर्ड हो चुके हैं।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट
इंडियन फाउंडेशन ऑफ ट्रांसपोर्ट रिसर्च के सीनियर फेलो एसपी सिंह ने बताया कि सरकार ने पिछली गलतियों से सबक लेकर ई – वे बिल सिस्टम को बेहद आसान बना दिया है। इससे किसी को कोई परेशानी नहीं आ रही है। उन्होंने आगे बताया कि 75 में से 30 सेंटर से हमारे पास जो रिपोर्ट आई है उसमें कहीं कोई शिकायत नहीं सुनने को मिली। उन्होंने कहा कि दिक्कत उन्हीं लोगों को हो रही है जो गलत तरीके से ट्रांसपोर्टेशन का काम कर रहे थे।
डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 17.1 फीसदी बढ़ा
सीबीडीटी चेयरमैन ने बताया कि 2017-18 में डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन साल दर साल आधार पर 17.1 फीसदी बढ़कर 9.95 लाख करोड़ रुपए हो गया। करीब 6.84 करोड़ टैक्स रिटर्न फाइल किए गए, जो कि इससे पिछले साल के 5.43 करोड़ से 26 फीसदी ज्यादा है। डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में कॉरपोरेट टैक्स की हिस्सेदारी 17.1 फीसदी और पर्सनल टैक्स की हिस्सेदारी 18.9 फीसदी रही।