वॉशिंगटन। अमेरिका में नौकरी करने की चाहत रखने वाले भारतीय आईटी प्रफेशनल्स की ओर से H1-B वीजा के आवेदन 2 अप्रैल से स्वीकार किए जाएंगे। मंगलवार को अमेरिकी सरकार की संबंधित एजेंसी यूएस सिटिजनशिप ऐंड इमिग्रेशन सर्विसेज (यूएससीआईएस) ने इसकी घोषणा की।
खास बात यह है कि इस बार एजेंसी ने सभी H1-B वीजा आवेदनों की प्रीमियम प्रोसेसिंग को स्थगित कर दिया। वैसे, हर साल प्रीमियम प्रोसेसिंग के लिए वीजा आवेदनों की संख्या तय की जाती थी। H1-B वीजा एक गैर-शरणार्थी वीजा है जिससे अमेरिकी कंपनियों को विशेषज्ञता वाले उन व्यवसायों के लिए विदेशी कर्मचारियों की नियुक्ति की अनुमति मिलती है जिसमें सैद्धांतिक या तकनीकी विशेषज्ञता की दरकरार है।
तकनीकी क्षेत्र की कंपनियां भारत और चीन जैसे देशों से हर वर्ष हजारों की संख्या में दक्ष लोगों की नियुक्ति के लिए इस पर निर्भर रहती हैं। H-1B वीजा आवेदन की ताजा घोषणा 1 अक्टूबर 2018 से शुरू हो रहे नए अमेरिकी वित्त वर्ष 2019 के लिए है। सभी H-1B आवेदनों की प्रीमियम प्रोसेसिंग का स्थगन 10 सितंबर 2018 तक खत्म होने की उम्मीद है।
यूएससीआईएस ने कहा कि इस दौरान वह उन H-1B वीजा आवेदनों की प्रीमियम प्रोसेसिंग के आग्रह स्वीकार करता रहेगा जो वित्त वर्ष 2019 की ऊपरी सीमा से मुक्त है। एजेंसी ने कहा, ‘सीमा के अंदर H-1B आवेदनों की प्रीमियम प्रोसेसिंग दोबारा शुरू करने या प्रीमियम प्रोसेसिंग से जुड़े अन्य अपडेट से पहले हम लोगों को सूचना देंगे।’
यूएससीआईएस का कहना है कि प्रीमियम प्रोसेसिंग पर अस्थाई तौर पर रोक लगाई तो गई है, लेकिन अगर कोई आवेदक मानदंड पूरा करता हो तो वह वित्त वर्ष 2019 के आवेदन प्रक्रिया तेज करने का आग्राह कर सकता है। एजेंसी ने कहा कि प्रीमियम प्रोसेसिंग पर अस्थाई रोक से H-1B प्रोसेसिंग का कुल समय कम करने में मदद मिलेगी।