नई दिल्ली। देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने बचत खातों में औसत मासिक रकम नहीं रखने पर जुर्माने की रकम करीब-करीब 75% तक कम कर दी है। नया शुल्क 1 अप्रैल 2018 से लागू हो जाएगा।
एसबीआई के इस कदम से 25 करोड़ ग्राहकों को फायदा होगा। एसबीआई ने कहा कि ऐवरेज मंथली बैलेंस (एएमबी) में कटौती का फैसला विभिन्न पक्षों के फीडबैक के मद्देनजर लिया गया है।
किसे कितनी राहत?
महानगरों और शहरी क्षेत्रों के ग्राहकों को अपने सेविंग्स अकाउंट्स में ऐवरेज मंथली बैलेंस नहीं रखने पर हर महीने 50 रुपये का जुर्माना देना पड़ता था जो 1 अप्रैल से घटकर 15 रुपये हो जाएगा। इसी तरह, अर्ध-शहरी या कस्बाई क्षेत्रों के ग्राहकों के लिए यह प्रतिमाह 40 रुपये था जो घटकर 12 रुपये रह गया।
हालांकि, जुर्माने की रकम के साथ-साथ 10 रुपये का जीएसटी भी देना होगा। यानी, मेट्रो और अर्बन सेंटर्स पर ग्राहकों को कुल 25 रुपये जबकि सेमी-अर्बन सेंटर्स के ग्राहकों को कुल 22 रुपये का चार्ज हर महीने देना होगा। ऐसे में उन्हें क्रमशः 25 रुपये और 18 रुपये की राहत मिलेगी।
बचत खाते में कितनी रकम रखना जरूरी?
अगर आपका बचत खाता महानगर के किसी शाखा में है तो आपको 3,000 रुपये का ऐवरेज बैलेंस मेंटेन करना होगा, जो सितंबर 2017 से पहले 5,000 रुपये था। अभी शहरी इलाके की शाखाओं वाले बचत खातों में भी 3,000 रुपये का ऐवरेज बैलेंस रखना होगा जबकि कस्बाई या ग्रामीण इलाके के खातों के लिए यह रकम क्रमशः 2,000 रुपये और 1,000 रुपये तय है।
खूब हुई थी आलोचना
दरअसल, जब खबरें आने लगीं कि एसबीआई ने ऐवरेज मंथली बैलेंस नहीं रख पानेवालों से महज 8 महीनों में 1,771 करोड़ रुपये की भारी-भरकम रकम वसूल ली तो इस सरकारी बैंक की चौतरफा कड़ी आलोचना होने लगी।
जुर्माने से वसूली गई रकम जुलाई-सितंबर में बैंक को हुए 1,581.55 करोड़ रुपये के मुनाफे से भी ज्यादा और अप्रैल-सितंबर छमाही में हुए 3,586 करोड़ रुपये के कुल शुद्ध लाभ का करीब-करीब आधी है।
अक्टूबर 2017 में घटाया था चार्ज
अक्टूबर 2017 में एसबीआई ने एएमबी नहीं मेंटेन करने पर सर्विस चार्ज में 20 से 50 प्रतिशत तक की कटौती की थी। इससे पहले, एएमबी मेंटेन नहीं करने पर मेट्रो एवं अर्बन कस्टमर्स से 40 से 100 रुपये तक वसूले जाते थे जिसे घटाकर 30 से 50 रुपये किया गया था।
अर्ध-शहरी या कस्बाई एवं ग्रामीण इलाकों की शाखाओं के ग्राहकों पर जुर्माने की रकम भी 25 रुपये से 75 रुपये के मुकाबले 20 रुपये से 40 रुपये कर दी गई थी।
6 साल बाद शुरू हुई थी वसूली
एसबीआई ने 6 साल के बाद अप्रैल 2017 से एएमबी चार्ज वसूलना शुरू किया था और विभिन्न पक्षों की प्रतिक्रिया के आधार पर अक्टूबर 2017 में इसमें कटौती की थी।
जन धन अकाउंट्स, बेसिक सेविंग्स बैंक डिपॉजिट्स (बीएसबीडी), पेंशनरों के अकाउंट्स, सरकारी योजना का लाभ पाने वालों के अकाउंट्स और नाबालिगों के अकाउंट्स को एएमबी मेंटेन करने की अनिवार्यता से छूट मिली हुई है। यानी, इनमें मिनिमम बैलेंस नहीं रहने पर जुर्माना नहीं लगाया जा सकता है।