कोटा। यूआईटी की ओर से लक्खी बुर्ज से सेवन वंडर्स तक बनाए जाने वाले रोप-वे का विरोध शुरू हो गया है। पूर्व सांसद इज्यराजसिंह ने इसका विरोध करते हुए कहा कि इससे किशोरसागर तालाब व जग मंदिर के सौंदर्यीकरण पर इसका असर पड़ेगा। देश में कहीं भी तालाब के ऊपर इस प्रकार से रोप-वे नहीं बना हुआ है।
उदयपुर में पिछौला झील व फतेहसागर में कोई रोप-वे नहीं है। शहर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए यूआईटी काफी समय से रोप-वे स्थापित करने की योजना पर काम कर रहा है। पहले नदी पार कुन्हाड़ी से छोटी-बड़ी समाध तक रोप-वे स्थापित करने की योजना पर काम किया गया। इसके लिए आवेदन भी मांगे, लेकिन कोई नहीं आया।
अब यूआईटी ने लक्खी बुर्ज से सेवन वंडर्स तक रोप-वे स्थापित करने की योजना पर काम शुरू किया है। इसके लिए संबंधित एजेंसियों से आवेदन भी मांग लिए गए हैं, जो छह मार्च को खोले जाएंगे। यह पीपीपी मोड पर स्थापित किया जा रहा है। यूआईटी का मत है कि इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
पूर्व सांसद इज्यराज सिंह ने कहा कि किशोरसागर तालाब में जग मंदिर स्थापित है, जो कि पर्यटन की किताब के कवर पेज पर भी आ चुका है। यदि रोप-वे का निर्माण होता है तो ऐसे में जग मंदिर एवं किशोरसागर तालाब की मूल ऐतिहासिक एवं प्राकृतिक सुंदरता स्वतः ही समाप्त हो जाएगी। उन्होंने कहा कि दुनिया में खूबसूरत झीलों में आर-पार रोप-वे नहीं होता है, क्योंकि झील का खुलापन ही उसकी खूबसूरती को बयां करता है।