नई दिल्ली। रोटोमैक कपंनी के प्रमोटर विक्रम कोठारी के कानपुर स्थित घर सहित तीन ठिकानों पर सोमवार सुबह सीबीआई की टीम ने छापेमारी की।
करीब 800 करोड़ के लोन डिफॉल्ट के मामले में बैंक ऑफ बड़ौदा की ओर से शिकायत आने पर सीबीआई ने उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की है। उनके गिरफ्तार होने की खबर है, हालांकि इसकी पुष्टि नहीं हो पाई। सीबीआई कोठारी के बेटे और पत्नी से भी पूछताछ कर रही है।
रविवार को ही कोठारी ने इन खबरों का खंडन किया था कि वह देश छोड़कर जा चुके हैं। कोठारी ने कहा था कि मैं कानपुर का वासी हूं और शहर में ही रहूंगा। हालांकि ऐसा हो सकता है कि कारोबार के सिलसिले में मुझे विदेश यात्रा करनी पड़े।
बैंक ने मेरी कंपनी को एनपीए घोषित किया है मगर डिफॉल्टर नहीं। यह मामला अभी भी नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल के विचाराधीन है। मैंने लोन लिया है और मैं इसे जल्दी ही लौटा दूंगा। कोई देश भारत से अच्छा नहीं है।
विलफुल डिफॉल्टर घोषित किया
कानपुर के कारोबारी कोठारी ने पांच सार्वजनिक बैंकों से 800 करोड़ रुपये से अधिक का ऋण लिया था। सूत्रों के अनुसार कोठारी को ऋण देने में इलाहाबाद बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ बड़ौदा, इंडियन ओवरसीज बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने नियमों के पालन में ढिलाई की।
कोठारी ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से 485 करोड़ रुपये और इलाहाबाद बैंक से 352 करोड़ रुपये का ऋण लिया था। पिछले सालबैंक ऑफ बड़ौदा ने रोटोमैक ग्लोबल प्राइवेट लिमिटेड को विलफुल डिफॉल्टर घोषित कर दिया था।