जयपुर। रेलवे साल के अंत तक हाईस्पीड ट्रेन से सफर का मौका दे सकता है। रेलवे ने इसे ‘ट्रेन 18’ और ‘ट्रेन 20’ नाम दिया है। इस साल जून तक ट्रेन 18 का एक सेट पटरी पर दौड़ने लगेगा। आईसीएफ के चीफ डिजाइन इंजीनियर श्रीनिवास ने बताया ट्रेन 18 शताब्दी को और ट्रेन 20 राजधानी को स्टेप वाइज रिप्लेस करेंगी।
2018 में लांचिंग के कारण इसे ट्रेन 18 नाम दिया गया है, जबकि ट्रेन 20 को 2020 तक लाने की तैयारी है। ट्रायल रन के दौरान इसकी गति 175 किलोमीटर/घंटा रही। हालांकि पटरी पर यह 160-170 किमी प्रतिघंटे दौड़ेगी। ट्रेन पूरी तरह स्टील की बनी होगी और पूरी तरह वाइब्रेशन लैस होगी।
ट्रेन 18 के पहले सेट को दिल्ली-जयपुर, आगरा और लखनऊ के बीच चलाया जा सकता है। फिलहाल रेल मंत्रालय ने इसके लिए 120 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं।
प्रत्येक ट्रेन सेट में 6 मोटर कोच (इंजन) होंगे, जिसके इसे मेट्रो की तरह एक ही प्लेटफॉर्म से आगे और पीछे संचालित किया जा सकेगा। वहीं ट्रेन 20 का मोटर बनाने की जिम्मेदारी जापान, जर्मनी या फ्रांस की किसी कंपनी को देने की योजना बनाई जा रही है।
यह सहूलियतें होंगी ट्रेन में
ट्रेन 18’ पहली ऐसी ट्रेन होगी जिसमें 32 इंच के एलईडी टीवी लगाए जाएंगे। इसमें तेजस, हमसफर और स्वर्ण शताब्दी ट्रेनों की तरह सीटों के पीछे टच स्क्रीन डिस्प्ले सिस्टम नहीं होंगे।
रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पिछले तीन साल लगभग 270 डिस्प्ले चोरी किए गए हैं। एक कोच में 32 इंच के चार एलईडी टीवी लगाए जाएंगे। इन पर फिल्में, संगीत आदि कार्यक्रम देखे जा सकेंगे।
कई मामलों में डिस्प्ले सिस्टम उखड़ नहीं पाया, तो एलसीडी स्क्रीन तोड़ देने की घटनाएं भी देखने को मिलीं। शुरूआत में फैसला किया गया कि स्क्रीन तोड़ने वाले यात्री पर सीट नंबर के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। मगर मुकदमा और समय की बर्बादी को देखते हुए इसे वापस ले लिया गया।