नई दिल्ली। भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार हो रहा है। अगले वित्त वर्ष में आर्थिक विकास दर 7.5 फीसद की दर को छू सकती है। जर्मन ब्रोकरेज डायचे बैंक की रिपोर्ट में यह संभावना जताई गई है। रिपोर्ट में महंगाई नियंत्रित रहने और दरों में बढ़ोतरी नहीं होने का अनुमान भी व्यक्त किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अर्थव्यवस्था सकारात्मक दिशा में बढ़ रही है।
चालू वित्त वर्ष के 6.6 फीसद विकास दर की तुलना में अगले साल इसमें अच्छी तेजी देखने को मिलेगी। जून, 2017 में समाप्त तिमाही में विकास दर तीन साल के निचले स्तर 5.7 फीसद पर पहुंच गई थी। गिरावट में नोटबंदी और जीएसटी बड़े कारण रहे थे।
रिपोर्ट में कहा गया है कि अर्थव्यवस्था इन झटकों से उबर चुकी है। रिजर्व बैंक के कदमों पर रिपोर्ट में कहा गया, ‘जब तक महंगाई में कुछ ज्यादा बढ़ोतरी नहीं होती, केंद्रीय बैंक जल्दबाजी में दरें बढ़ाने का कदम नहीं उठाना चाहता है।’ रिजर्व बैंक महंगाई की दर को चार फीसद पर सीमित रखने का लक्ष्य लेकर चलता है।
दिसंबर में आईआईपी के आंकड़ों में आई गिरावट
इंडस्ट्रीयल ग्रोथ की रफ्तार में दिसंबर महीने में कमजोरी दर्ज की गई है। दिसंबर में यह 7.1 फीसद के स्तर पर रही है जबकि नवंबर महीने में यह 8.4 फीसद रही थी। दिसंबर महीने में मैन्युफैक्चरिंग आउटपुट 8.4 फीसद के स्तर रही है जबकि नवंबर में यह 10.2 फीसद के स्तर पर रही थी।
वहीं, इलेक्ट्रीसिटी प्रोडक्शन 4.4 फीसद के स्तर पर रही है जो कि बीते महीने 3.9 फीसद के स्तर पर रही थी। इसी तरह माइनिंग आउटपुट 1.2 फीसद के स्तर पर रहा है जो कि नवंबर महीने में 1.1 फीसद पर रही थी। दिसंबर में प्राइमरी गुड़्स का आउटपुट 3.7 फीसद के स्तर पर रहा है जो कि नवंबर में 3.2 फीसद रहा था।