कोटा। फसल व पौधों को खाद, दवा, पानी देने के लिए आने वाले दिनों में किसानों को खेत पर दिन-रात एक करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अब किसान घर बैठे ऑटोमेशन इरीगेशन सिस्टम के जरिए भी फसल व पौधों में खाद, कीटनाशक दवा की खुराक दे सकेंगे। साथ ही, आवश्यकतानुसार सिंचाई भी कर सकेंगे।
इन दिनों कोटा सहित प्रदेश में उद्यान विभाग की तीन नर्सरियों में इस सिस्टम को प्रदर्शन के लिए लगाया गया है। इसके तहत नर्सरियों में वर्तमान में सिंचाई की जा रही है। खाद, कीटनाशक, रोगनाशक दवा का छिड़काव किया जा रहा है। यह ऑटोमेशन इरीगेशन सिस्टम उद्यान बूंदी रोड स्थित संतरा उत्कृष्ठता केंद्र में संतरे के बगीचों में लगा हुआ है।
पूरा सिस्टम कम्प्यूटर से एक्टीवेट
कृषि अधिकारी सत्यप्रकाश मीणा ने बताया कि यह सिस्टम कम्प्यटरीकृत है। इंटरनेट से जुड़ा हुआ है। इंटरनेट से मशीन के सॉफ्टवेयर में टाइमिंग सेट की गई है। फसल में कितनी देर पानी देना है। नोजल कितना खोलना है। खाद, कीटनाशक, रोगनाशक दवा की मात्रा कितनी रखनी है।
सब कुछ सॉफ्टवेयर में फीड करना होता है। सेट टाइमिंग पर मशीन शुरू हो जाती है। फिर ऑटोमेटिक बंद भी हो जाती है। वॉल्व को भी इंटरनेट से चालू बंद किया जा सकता है। मशीन से यह भी पता किया जा सकता है कि चलने की अवधि में कितना खाद, दवा, पानी दिया जा चुका है।
उद्यान विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. रामावतार शर्मा ने बताया कि ऑटोमेशन इरीगेशन सिस्टम के तहत पौधों व फसल को दिए जाने वाले पानी, खाद, दवा का पूरा हिसाब रखा जा सकता है। सिंचाई के लिए किसान को खेत पर आने की आवश्यकता नहीं है। यह सिस्टम इंटरनेट से संचालित है। इसका प्रदर्शन किया गया है। संतरा उत्कृष्ठता केंद्र पर लगे ऑटोमेशन इरीगेशन सिस्टम को समझने के लिए यह वीडियो देखिए –