जयपुर। विधानसभा में जल्द राजस्थान का बजट आने वाला है। सरकार ने अपने स्तर पर तैयारियां भी की हैं लेकिन आंकड़ें प्रदेश की कुछ अलग ही तस्वीर बता रहे हैं। 31 मार्च 2018 तक राज्य पर कुल बकाया देनदारियां (कर्ज) अनुमानित 2.78 लाख करोड़ रुपए की हैं। पिछले साल के संशोधित अनुमान की तुलना में यह करीब 9.8%ज्यादा है।
इस बढ़ोतरी का कारण उदय योजना के तहत बिजली कंपनियों के कर्ज की राशि शामिल होना भी है, साथ ही राज्य सरकार ने 24 हजार 815 करोड़ रुपए का नया कर्ज भी लिया है। अब इसका दूसरा पहलू देखिए, 19 हजार 626 करोड़ रुपए तो इस कर्ज का ब्याज चुकाने पर ही खर्च हो जाता है।
यह 2017-18 में लिए गए कर्ज का करीब 80 फीसदी है। राजस्थान पर कुल बकाया कर्ज में यदि डिस्कॉम और अन्य गारंटी की राशि को भी जोड़ दें तो यह कर्ज 2,99,158 करोड़ रुपए हो जाएगा। 2013-14 में राजस्थान को कर्ज के ब्याज की अदायगी के रुप में जहां 9 हजार करोड़ खर्च करने पड़ रहे थे वहीं यह साढ़े 19 हजार करोड़ से भी ज्यादा हो गया है।
बजट अध्ययन राजस्थान केंद्र की ओर से सोमवार को जयपुर में विधायकों के साथ हुई बजट पूर्व कार्यशाला में भी कर्ज की बढ़ती स्थिति पर चिंता व्यक्त की गई। इस कार्यशाला में वरिष्ठ विधायक माणकचंद सुराणा, सूर्यकांता व्यास, हीरा लाल रैगर, अनिता गुर्जर, अलका गुर्जर आैर कांग्रेस की प्रदेश मीडिया चेयरपर्सन अर्चना शर्मा सहित गणमान्य लोग मौजूद थे।