नई दिल्ली। सरकार ने ई-वे बिल टाल दिया है। इसे 1 फरवरी से देश भर में ई-वे बिल लागू होना था। हालांकि सरकार ने इसे टालने के पीछे कोई वजह नहीं बताई है। कारोबारियों और ट्रांसपोटर्स के मुताबिक उन्हें ई-वे बिल के प्रोसेस और बनाने में दिक्कतें आ रही थीं। सरकार ने अभी तक ई-वे बिल लागू करने की डेट तय नहीं की है।
15 दिन चला था ट्रायल रन
ई-वे बिल का 15 दिन का ट्रायल रन चला था। ट्रायल रन में 34 राज्यों में रोजाना 2 लाख ई-वे बिल बनाए गए। जीएसटीएन के अधिकारियों के मुताबिक सिस्टम रोजाना 42 लाख से 45 लाख बिल रोजाना बनाएगा। अभी तक करीब 3.5 लाख जीएसटी पेयर्स ने ई-वे बिल की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन करा लिया है। इसके अलावा 4,000 लोगों नें ई-वे बिल की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन कराया है जिन्होंने जीएसटी में रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है।
इंडस्ट्री नहीं थी तैयार
इंडस्ट्री एक्सपर्ट के मुताबिक अब कंपनियां भी नए सिस्टम के लिए अपने आप को तैयार कर रही हैं। हालांकि, अभी भी कारोबारी इस बाते को लेकर परेशान हैं कि ई-वे बिल में जीएसटी की तरह टेक्नोलॉजी जैसी समस्या न आए। उन्हें अभी ई-वे बिल बनाने के लेकर दिक्कतें भी आ रही थी।
एसएमएस पर बन जाएगा ई-वे बिल
कारोबारियों और ट्रांसपोटर्स को कोई भी टैक्स ऑफिस या चेक पोस्ट पर जाने की जरूर नहीं होगी। ई-वे बिल इलेक्ट्रॉनिकली स्वयं कारोबारी निकाल पाएंगे। कारोबारी ऑफलाइन भी एसएमएस के जरिए ई-वे बिन बनवा सकेंगे।
जिन कारोबारियों के पास इंटरनेट की सुविधा नहीं है और उन्हें एक दिन में ज्यादा ई-वे बिल जनरेट नहीं करने हैं, वह एसएमएस सर्विस से ई-वे बिल जनरेट कर सकते हैं। इसके लिए कारोबारियों को अपना मोबाइल नंबर रजिस्टर करना होगा। इसी नबंर से एसएसएस के जरिए ई-वे बिल की रिक्वेस्ट डिटेल देकर जनरेट कर सकते हैं।