नई दिल्ली। सिक्योरिटी एपेलेट ट्रिब्यूनल ने एक महत्वपूर्ण निर्णय में इंश्योरेन्स रेग्युलेटरी डेवलपमेंट अथॉरिटी के 28 जुलाई 17 के उस आदेश को खारिज कर दिया जिसमें सहारा लाइफ इंश्योरेन्स के जीवन बीमा व्यवसाय को एक बाहरी बीमाकर्ता-आईसीआईसी पू्रडेन्शियल लाइफ इंश्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड को हस्तांतरित करने को कहा गया था।
सहारा की अपील को स्वीकृति देते हुए सिक्योरिटी एपेलेट ट्रिब्यूनल ने इंश्योरेन्स अथॉरिटी के ऐसे रवैये पर गहरी चिन्ता जताई, जिससे उन्होंने सहारा लाइफ इंश्योरेन्स के विरूद्व मामले में ऐसी कार्यवाही की। इंश्योरेन्स अथॉरिटी के इस कदम को बेहद घातक व अनियमित मानते हुए एडमिनिस्ट्रेटर की नियुक्ति व उसके सभी आगामी कदमों को मामले के तथ्यों व परिस्थितियों के चलते हानि पहुंचाने वाला माना गया।
सिक्योरिटी एपेलेट ट्रिब्यूनल का मत था कि एडमिनिस्ट्रेटर की रिपोर्ट कम से कम विवादित आदेश पारित करने से पहले सहारा लाइफ इंश्योरेन्स को उपलब्ध करवाई जानी चाहिए थी। सहारा लाइफ इंश्योरेन्स को एक बड़ी मोहलत मिली है और उसके इस पक्ष को सिक्योरिटी एपेलेट ट्रिब्यूनल ने यह निर्देश देकर सही साबित किया है, कि सारा मामला वहां से पुनः देखा जाए, जिस चरण पर सहारा लाइफ इंश्योरेन्स को एडमिनिस्ट्रेटर की रिपोर्ट के अनुसार प्रत्युत्तर देने को कहा गया।
साथ ही सहारा लाइफ इंश्योरेन्स व उसके हितधारकों के प्राकृतिक न्याय के नियमानुसार अपना पक्ष रखने का अवसर दिया जाए। निर्देश दिया गया है कि सहारा के द्वारा एडमिनिस्ट्रेटर रिपोर्ट पर जवाब की प्राप्ति के 3 माह के अन्दर कानून के अनुसार सुनवाई पूरी की जाए ।