नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने काले धन के खिलाफ अभियान चलाते हुए बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी करने वालों के खिलाफ आपराधिक मामले शुरू किए है। इनकम टैक्स विभाग ने वित्त वर्ष 2017-18 में अब तक टैक्स से जुड़े अपराध के 2225 मामलों में आपराधिक मामले शुरू किए है।
वित्त मंत्रालय की ओर से जारी जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार यह पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि के मुकाबले 184 फीसदी ज्यादा है। टैक्स से जुड़े अपराध के इन मामलों में जानबूझ कर टैक्स देने से बचने का प्रयास करना या टैक्स का पेमेंट से करने से बचना, जानबूझ कर इनकम टैक्स रिटर्न फाइल न करना, वेरीफिकेशन में गलत स्टेटमेंट देना शामिल है।
1052 लोगों ने स्वीकार किया अपना अपराध
मौजूदा वित्त वर्ष 2017-18 में अब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 1052 टैक्स चोरी के मामलों में शिकायतों को कंपाउंड किया है। जबकि पिछले साल की समान अवधि में विभाग ने 575 शिकायतों को कंपाउंड किया था।
शिकातयों की कंपाउंडिंग तब की जाती है जब डिफॉल्टर अपना अपराध स्वीकार कर लेता है और तय शर्तो के तहत कंपाउंडिग शुल्क का भुगतान करता है।
48 डिफॉल्टर्स को कोर्ट ने पाया दोषी
टैक्स चोरी करने वालों के खिलाफ इनकम टैक्स विभाग निर्णायक कदम की वजह से मौजूदा वित्त वर्ष में अदालतों द्वारा डिफॉल्टर्स को दोषी ठहराए जाने के मामले तेजी से बढ़े हैं। नवंबर 2017 तक अदालतों ने 48 डिफॉल्टर्स को टैक्स से जुड़े अपराध के अलग अगल मामलों में दोषी करार दिया है।
वहीं पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में इसी तरह के मामलों में अदालतों ने 13 डिफॉल्टर्स को दोषी ठहराया था। इस तरह से अदालतों से दोषी ठहराए जाने वालों की संख्या में 269 फीसदी इजाफा हुआ है।