सरकार 50 लाख किसानों का कर्ज नहीं करेगी माफ

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जयपुर। प्रदेश के 50 लाख किसानों का कर्ज माफी की घोषणा कर चुकी सरकार अब केरल मॉडल के नाम पर बदलाव करने की तैयारी में है। कर्ज माफी को लेकर चार माह पहले बनाई जलसंसाधन मंत्री रामप्रताप की अध्यक्षता वाली कमेटी ने केरल का अध्ययन कर लौटे दल की सिफारिशों के आधार पर सदस्यों से केरल मॉडल अपनाने पर सुझाव मांगे हैं।

सदस्यों को लिखे पत्र ने मंशा साफ कर दी है कि सभी किसानों का एक साथ कर्ज माफ नहीं किया जाएगा। राज्य स्तरीय एक आयोग गठित करने की तैयारी है, जिसमें एक-एक कर्जदार किसान को अपने कर्ज को माफ कराने के लिए जयपुर आकर आयोग में आवेदन करना होगा।

इसके लिए पहले उसको खुद को डिफाल्टर घोषित करना पड़ेगा, जिससे उसको बाद में अन्य कर्ज में दिक्कतें आएंगी। डिफाल्टर घोषित होने पर आयोग उसके कर्ज के गुण-अवगुण के आधार पर कर्ज माफी पर फैसला करेगा। ऐसे सरकार की कर्ज माफी की घोषणा चुनावी साल में किसानों के साथ सरकार के लिए भी बड़ा मुद्दा बन सकती है।

प्रदेश के 50 लाख किसानों पर करीब 27 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है। केरल में एक आयोग गठित कर रखा है, जिससे पिछले चार साल में एक-एक किसान की सुनवाई के बाद मात्र सात साल में मात्र 183 करोड़ रुपए के कर्ज ही माफ किए गए हैं।

गौरतलब है कि पिछले डेढ़ साल से किसान महापंचायत के पूरे प्रदेश में आंदोलन और किसान महासभा के शेखावाटी में किसान आंदोलन के बाद किसानों की कर्ज माफी पर सिंचाई मंत्री डॉ. रामप्रताप की अध्यक्षता में हाईपावर कमेटी बनाई गई थी। कमेटी ने अभी तक अपनी सिफारिशें सरकार को नहीं दी है। 

केरल में यह है फार्मूला
केरल में किसान को कर्ज माफी के लिए किसान आयोग में प्रस्तुत होना पड़ता है। उसके कर्ज की हालत और फसल-मौसम की स्थिति आदि की रिपोर्ट के आधार पर औसतन 11 हजार से 20 हजार रुपए तक के ही कर्ज माफ किए जाते हैं। अधिकतम कर्जमाफी सीमा भी एक लाख रुपए हैं।

वहां पहले से आयोग का प्रारूप होने से किसान कर्ज कम लेने लगे हैं। वहीं राजस्थान में 30 लाख किसान सहकारी बैंकों से कर्ज ले चुके हैं। 20 लाख से अधिक किसान अन्य बैंकों संस्थाओं से कर्ज ले रखे हैं।

यह कहना है कमेटी के सदस्यों का
कमेटी ने माकपा नेता अमरा राम और कांग्रेस विधायक गोविंद सिंह डोटासरा को भी हाईपावर कमेटी ने चिट्ठी लिखकर सुझाव देने को कहा है। किसानों की कर्ज माफी को लेकर आंदोलन कर चुके माकपा नेता अमरा राम और कांग्रेस विधायक गोविंद सिंह डोटासरा केरल मॉडल के पक्ष में नहीं हैं। माकपा और कांग्रेस ने कर्ज माफी के लिए कमिशन बनाए जाने के विचार को सिरे से खारिज कर दिया है।