रिश्वतखोर जेईएन के पास मिले 6 बैंक खाते, 11 तोला सोना

0
680

कोटा। एसीबी की टीम ने गुरुवार को जिस रिश्वतखोर जेईएन विमल माहेश्वरी को गिरफ्तार किया, उसके पास वीर सावरकर नगर (147ए) में दो मंजिला मकान है। पत्नी के नाम स्वामी विवेकानंद नगर में प्लॉट है। घर से 11 तोला सोना और 300 ग्राम चांदी मिली है। खुद और परिजनों के कुल 6 बैंक खाते हैं। सीआई रमेश आर्य के नेतृत्व में उसके घर पर छापा मारा। पत्नी रितू सरकारी टीचर हैं। 

एसीबीने गुरुवार दोपहर यूआईटी जेईएन विमल माहेश्वरी को 5 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। घूस की यह रकम ऑटो चालक के मकान की एनओसी जारी करने की एवज में ली गई थी। 8 महीने में यूआईटी में भ्रष्टाचार का यह दूसरा मामला सामने गया। जेईएन बहाने बनाकर 10 दिन से पहले से चक्कर कटवा रहा था।

जैसे ही उन्होंने 5 हजार रुपए दिए, उसके सुर बदल गए। बोला-15 मिनट रुको, तुम्हारी फाइल अभी पास करवाता हूं। लेकिन, 5 मिनट बाद ही एसीबी ने उसे रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। यूआईटी के भ्रष्ट अधिकारी गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों के काम बिना रिश्वत के नहीं कर रहे।

यूआईटी में भ्रष्टाचार किस कदर पैर पसार चुका है, इसको देखकर एसीबी अधिकारी भी हैरान रह गए। अधिकारियों ने बताया कि पहले लोग रिश्वत की राशि लेने में घबराते थे आैर खुद के ऑफिस, घर पर नहीं लेते थे। लेकिन, यूआईटी में भ्रष्टाचार खुलेआम चल रहा है। माहेश्वरी ने खुद की टेबल पर बेखौफ रिश्वत की राशि ले ली।

वह मना करता रहा कि उसने पैसे नहीं लिए हैं। लेकिन, एसीबी ने उसके पास से रिश्वत की रकम जब्त की। जेईएन इतना शातिर था कि उसने फोन पर पैसे की डिमांड नहीं रखी। हालांकि ऑटो चालक का दोस्त विक्रम सिंह हाड़ा उसे 26 दिसंबर से फोन कर मिलने के लिए कहता रहा।

जेईएन का कहना था कि एनओसी बनाने के लिए पहले साइड को देखनी पड़ेगी। जब साइड देखने के लिए हाड़ा ने उसे फोन किया वह साइड में होने का बहाना बनाता रहा।  एसीबी सीआई विवेक सोनी ने बताया कि फरियादी हरिओम नगर कच्ची बस्ती निवासी राजेंद्र राठौड़ ने 2 दिन पहले लिखित शिकायत दी। उसने कहा कि मकान पर लोन लेना था। 

एसीबी टीम में एएसपी ठाकुर चंद्रशील, सीआई विवेक सोनी, अजीत बागडोलिया, दिलीप सिंह, मोहम्मद खालिक, हेमंत सिंह, सत्येंद्र सिंह, मोहम्मद असलम, नरेंद्र सिंह, मनोज शर्मा, शबाना, सरोज गौड़ शामिल रहे।