नई दिल्ली। कीमतों पर नियंत्रण लगाए जाने के बाद अमेरिकी विनिर्माताओं द्वारा भारत के बाजारों से उन्नत कॉरोनेरी स्टेंट वापस लेने के बाद चीन और मलेशिया के स्टेंट विनिर्माता आक्रामक रूप से अपने उत्पाद उतार रहे हैं। स्टेंट को लेकर बहुत ज्यादा चर्चा के बाद इसका अवैध बाजार तैयार हो सकता है।
कंज्यूमर ऑनलाइन फाउंडेशन के संस्थापक बेजन मिश्रा ने कहा, ‘चिकित्सक इसका ज्यादा दाम लगा सकते हैं और बिल में स्टेंट के दाम दिखाने के बजाय उसे अन्य खर्च में अतिरिक्त शुल्क के रूप में दिखा सकते हैं।’ सरकार ने फरवरी में स्टेंट की कीमतों की सीमा तय की थी। सरकार ने बेयर मेटल स्टेंट के दाम 7,260 रुपये और ड्रग इलूटिंग स्टेंट का दाम 29,600 रुपये तय किए थे, जिनका इस्तेमाल 90 प्रतिशत एंजियोप्लास्टी प्रक्रिया में होता है।
बहुत उन्नत बायोडिग्रेडेबल स्टेंट भारत में पिछले 2 साल के दौरान पेश किए गए हैं, जिनके मूल्य की सीमा भी 29,600 रुपये तय की गई है। इसमें ऐबट का पूरी तरह से घुलनशील स्टेंट भी शामिल है, मूल्य तय होने के पहले इसका मूल्य 2 लाख रुपये के करीब था। अमेरिका ने स्टेंट की कीमतों पर नियंत्रण लगाए जाने के फैसले की आलोचना की है।
नई दिल्ली में अमेरिकी दूतावास में कार्यकारी उप प्रमुख जॉर्ज सिब्ले ने पिछले महीने कहा था, ‘आवश्यक दवाओं की राष्ट्रीय सूची में स्टेंट को शामिल किए जाने का फैसला अंतरराष्ट्रीय नियामकीय मानकों के विपरीत है।’ अमेरिकी कंपनी ऐबट ने राष्ट्रीय दवा मूल्य प्राधिकरण के पास आवेदन कर कहा है कि वह पूरी तरह से घुलनशील स्टेंट बाजार से वापस लेना चाहती है।