नई दिल्ली। सरकार जीएसटी लागू करने के बाद आयात किए जाने वाले मोबाइल फोन्स पर कस्टम ड्यूटी बढ़ा सकती है। जानकारी के मुताबिक इसके बाद ऐसे मोबाइल की कीमतें 5-10 फीसदी बढ़ जाएंगी। इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फर्मेशन टेक्नोलॉजी मिनिस्ट्री की ओर से कहा गया है कि इस मामले में मंत्रालय के द्वारा पहले ही एटॉर्नी जर्नल से चर्चा कर ली गई है।
इसके अंतर्गत यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि कीमत बढ़ने से इन्फर्मेशन टेक्नोलॉजी एग्रीमेंट (आईटीए) का उल्लंघन नहीं होगा। कारण कि नियम के मुताबिक कुछ इलेक्ट्रॉनिक्स प्रॉडक्ट्स को ड्यूटी फ्री रखा जाता है। मंत्रालय की अंतरिम कमेटी की ओर से इस मामले को विस्तार से समझा जा रहा है। कमेटी में फाइनेंस, कॉमर्स, टेलीकॉम और आईटी मिनिस्ट्री से संबंधित लोग शामिल हैं।
जानकारी के मुताबिक कस्टम ड्यूटी को लागू करने के पीछे सरकार की सोच है कि जीरो कस्टम ड्यूटी के बूते देश में मैन्यूफेक्चरिंग को कोई फायदा नहीं मिलना है।ताजा आंकड़े बताते हैं कि भारत में बिकने वाले 30 फीसदी फोन आयातित हैं। इनमें से सबसे ज्यादा चीन से आते हैं। ऐसे में सरकार की सोच है कि ऐसे फोन्स पर कस्टम ड्यूटी लगाए जाने से लोकल मैन्यूफेक्चरर्स को फायदा पहुंचेगा।
सरकार का प्रयास है कि ऐपल जैसी कंपनियां भी भारत में ही मैन्यूफेक्चरिंग शुरू करें।आईफोन मेकर जल्द ही भारत में फोन को असेंबल करना शुरू करेंगे। कर्नाटक में एक प्लांट लगाया गया है।मगर कंपनी ने सरकार से कई तरह के टैक्स में छूट मांगी है। जबकि सरकार का कहना है कि वो एक भी कंपनी को छूट देने के मूड में नहीं है।
सरकार मानती है कि आईटीए भी पूरी तरह से मोबाइल फोन कैटेगरी को कवर नहीं करता है। आईटी मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘हमारे सभी फोन आईटीए के अंतर्गत नहीं आते हैं। एटॉर्नी जनरल का भी कहना है कि आईटीए सभी मोबाइल फोन को कवर नहीं करता है।’