कोटा। ALLEN PNCF Science Fair: एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट प्राइवेट लिमिटेड विद्यार्थियों की प्रतिभा को मंच देने के लिए सदैव तत्पर रहता है। इसी संकल्प के तहत एलन प्री नर्चर कॅरियर फाउंडेशन डिवीजन (पीएनसीएफ) की ओर से गुरुवार को साइंस फेयर एक्जीबिशन ‘सृजन’ जवाहर नगर स्थित सत्यार्थ कैम्पस में आयोजित किया गया।
यहां साइंस के विभिन्न सिद्धांतों और आधुनिक विज्ञान का उपयोग करते हुए आमजन के जीवन को सुगम बनाने के लिए मॉडल्स तैयार किए गए। एक्जीबिशन दोपहर 3 बजे से शाम 6 बजे तक लगाई गई, जिसमें कक्षा 6 से 10 के 368 से ज्यादा विद्यार्थियों ने 101 मॉडल्स का प्रदर्शन किया।
एक्जीबिशन में करीब 5 हजार विद्यार्थी व अभिभावक शामिल हुए। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एडीएम सिटी अनिल सिंघल एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दिलीप सैनी, एलन के होल टाइम एग्जीक्यूटिव अविरल माहेश्वरी एवं एलन के वाइस प्रेसिडेंट एवं पीएनसीएफ हैड अमित गुप्ता ने श्रेष्ठ मॉडल्स प्रस्तुत करने वाले विद्यार्थियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
एलन के वाइस प्रेसिडेंट एवं पीएनसीएफ हेड अमित गुप्ता ने बताया कि विद्यार्थियों में साइंस विषय के प्रति रूचि पैदा करने तथा आम जीवन में विज्ञान के उपयोग से जागरूक करने के उद्देश्य में इस साइंस फेयर का आयोजन किया गया था।
फेयर में विद्यार्थियों ने मैग्नेटिक लेविएशन ट्रेन, इलेक्ट्रिसिटी एंड सिम्पल मशीन्स, रोटरेरी सोलर पैनल विद फोल्डिंग्स, हैमोडायलेसिस, पॉॅल्युशंस लैस चिमनी, विजन फॉर ब्लाइंड्स एवं ग्रीन रॉकेट सहित विभिन्न मॉडल्स को प्रस्तुत किया गया।
हाईवे विंड टरबाइन
कक्षा 10 में अध्ययनरत मोहित राज, सत्यम, देवांश गुप्ता, सत्य प्रकाश एवं मितेश कुमार सिंह ने हाईवे विंड टरबाइन का मॉडल प्रस्तुत किया। जो कि काफी सराहननीय रहा। इस मॉडल के माध्यम से स्टूडेंट्स ने बताया कि हाईवे पर गुजरने वाली कारों से रफ्तार की वजह से हवा निकलती है। इस हवा के इस्तेमाल से बिजली उत्पन्न हो सकती है, जिसका इस्तेमाल रोड लाइटों को जलाने में हो सकता है।
एनविजन ग्लासेज
कक्षा 8 की छात्रा कौरांगी यादव, श्रेया मिश्रा एवं आलिया हसन ने एनविजन ग्लासेज का मॉडल प्रस्तुत किया। उन्होनें बताया कि ब्लाइंड एवं काफी कमजोर नजर वालों के लिए यह चश्मा वरदान साबित हो सकता है। इस चश्मे में आगे की तरफ सेंसर लगाए गए है। ब्लाइंड व्यक्ति यदि घर में या घर बाहर कहीं भी हैं तो उनके आगे कोई दीवार या वाहन आने पर चश्मे के आगे लगे सेंसर एक्टिव हो जाते हैं और पीछे की तरफ लगा एक छोटा यंत्र अपने आप व्यक्ति को उस अवरोधक के बारे में सूचित कर देता है।