दाऊजी की कार्यशैली, विचार- दर्शन हम सभी के लिए प्रेरणास्त्रोत: ओम बिरला

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वैद्य स्वर्गीय दाऊदयाल जोशी की 27वीं पुण्यतिथि पर पुष्पांजलि सभा आयोजित

कोटा। वैद्य दाऊदयाल जोशी स्मृति संस्थान की ओर से गुरुवार को सीएडी स्थित वैद्य दाऊदयाल जोशी पार्क में उनकी 27वीं पुण्यतिथि पर पुष्पांजलि सभा आयोजित की गई। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने भी स्वर्गीय दाऊदयाल जोशी को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। इस दौरान आयोजित रक्तदान शिविर में 21 यूनिट रक्त संग्रह किया गया।

इस अवसर पर संबोधित करते हुए श्री बिरला ने कहा कि दाऊजी का सम्पूर्ण जीवन समाज सेवा, समर्पण और सादगी का प्रतीक रहा। उनकी कार्यशैली, विचार- दर्शन हम सभी के लिए प्रेरणास्त्रोत है। वार्ड पंच से लेकर सर्वोच्च सदन तक उनकी यात्रा एक अनुपम उदाहरण है।

बिरला ने कहा कि दाऊदयाल जोशी बिना किसी अपेक्षा और महत्वाकांक्षा के समाज के लिए संघर्ष करते रहे। वे गांव और शहर के हर विषय को लेकर जनता के बीच जाते थे और आंदोलन करते थे। जनसंघ से भाजपा को खड़ा करने में उनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है।

उन्होंने कहा कि दाऊदयाल जोशी के जीवन दर्शन से हमें नई प्रेरणा मिलती है। हर कार्यकर्ता को उनके जीवन के बारे में पढ़ना चाहिए। उनसे जुड़ी हुई घटना और उनके संघर्षों के बारे में जानना चाहिए। उन्होंने कहा कि हाड़ौती में जनसंघ और भाजपा को खड़ा करने में जिन नेताओं का योगदान रहा, ऐसे लोगों को लेकर एक स्मारिका बननी चाहिए। नए कार्यकर्ताओं को भी उनके चरित्र के कुछ अंश को प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए।

विधायक संदीप शर्मा ने कहा कि दाऊदयाल जोशी का व्यक्तित्व आज भी कार्यकर्ताओं के मस्तिष्क और हृदय में अमिट छाप छोड़ता है। राजनीति में उनसे बहुत कुछ सीखा है। उन्हें देखकर लगता ही नहीं था कि वे नेता हैं या कोई संत हैं। पूर्व महापौर सुमन श्रृंगी ने कहा की दाऊदयाल जोशी हाडोती में भाजपा के आधार स्तंभ रहे हैं। पार्टी के कार्यकर्ताओं को परिवार का सदस्य मानते थे। नए कार्यकर्ताओं को हमेशा पार्टी के रीति नीति समझाते थे।

राजेश बिरला ने कहा कि दाऊदयाल जोशी के मन में कभी भेदभाव का भाव नहीं रहा। वे सभी कार्यकर्ताओं को स्नेह करते थे। उन्होंने कोटा को नई ऊंचाइयां प्रदान की। उनका साफा संसद में गूंजता था और राजस्थान की अमिट छाप छोड़ता था। दाऊदयाल जोशी के पदचिन्हों पर चलकर हाडोती का नाम लोकसभा स्पीकर ओम बिरला आगे बढ़ा रहे हैं।

महापौर राजीव भारती ने कहा कि दाऊजी मिलनसार थे। उनके मार्ग और आदर्शों पर चलकर ही सच्ची श्रद्धांजलि दी जा सकती है। पंकज मेहता ने कहा कि दाऊजी सादगी, सरलता के प्रतिमूर्ति थे। वे आज भी हम जैसे कार्यकर्ताओं को प्रेरित करते हैं। वे संघनिष्ठ होकर भी अन्य दलों में भी लोकप्रिय थे। राकेश जैन ने कहा कि दाऊजी का सामाजिक और राजनीतिक जीवन प्रेरणा देता है। उन्होंने संघर्ष करते हुए जनसंघ को भाजपा तक पहुंचाया, यही हमारी विरासत है।

दाऊदयाल जोशी स्मृति संस्थान के अध्यक्ष योगेंद्र खींची ने कहा कि वैद्य दाऊदयाल जोशी स्वभाव से सरल और सर्वसुलभ थे। वे विराट व्यक्तित्व के धनी थे। सामान्य कार्यकर्ता से सांसद बनने का सफर तय करने के बाद भी उनमें कार्यकर्ता के प्रति सदैव समर्पण का भाव रहता था। दाऊदयाल जोशी जनसंपर्क के बेताज बादशाह थे। महामंत्री वैद्य मृगेंद्र जोशी ने आभार प्रकट किया।

इस अवसर पर पूर्व शहर जिला अध्यक्ष महेश विजय, पूर्व देहात अध्यक्ष एलएन शर्मा, भारत विकास परिषद के किशन पाठक, पूर्व प्रदेश मंत्री हीरेंद्र शर्मा, पूर्व पार्षद मदन गोपाल झंझोट, अलका मेवाड़ा, सतीश गोपालानी ने भी संबोधित किया।