कोटा। श्री महर्षि दधीचि छात्रावास में चल रही भागवत कथा के चौथे दिवस कथा व्यास आचार्य पंडित कौशल किशोर दाधीच (रायथल) ने गज ग्राह कथा, वामन चरित्र, श्रीराम जानकी विवाह एवं श्रीराम कथा सुनाई गई।
इस अवसर पर श्रीराम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ का उत्सव भी मनाया गया। उत्सव में दाधीच बंधु के भजनों पर भक्त जमकर झूमे। कांग्रेस महिला प्रदेश अध्यक्ष राखी गौत्तम, गढ़वाल समाज के अध्यक्ष खिलाफ सिंह भण्डारी व दाधिच समाज के अध्यक्ष रविन्द्र जोशी, दिवाकर दाधिच सहित समाज के महिला, युवा व कार्याकारणी सदस्य उपस्थित रहे और महाआरती में भाग लिया।
प्रसंग के दौरान कथा वाचक व्यास ने बताया कि वामन अवतार के रूप में भगवान विष्णु ने राजा बलि को यह शिक्षा दी कि दंभ और अहंकार से जीवन में कुछ भी हासिल नहीं होता। इसलिए जीवन में परोपकार करो। उन्होंने कहा कि अहंकार, घृणा और ईर्ष्या से मुक्त होने पर ही मनुष्य को ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है।
कथा वाचक ने भगवान श्रीराम के जन्म के प्रसंग को विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि श्रीराम भगवान विष्णु के अवतार में पृथ्वी पर आए। उन्होंने श्रीराम और सीता माता के विवाह के प्रसंग को बताया, जिसमें भक्तों को उनके प्रेम और धर्म के संदेश की सीख दी। पंडित कौशल किशोर दाधीच ने श्रीराम की कथाओं को भी सुनाया, जिनमें उनके धर्म के पालन, भक्तों के प्रति कृपा, और उनकी लीला का वर्णन था।