नई दिल्ली। नोटबंदी और जीएसटी के बाद छोटे कारोबारियों को केंद्र सरकार ने एक और झटका दिया है। सरकार ने छोटे कारोबारियों को दी जाने वाली क्रेडिट लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी स्कीम बंद कर दी है। बताया जा रहा है कि सरकार पर बैंकों की लगभग 1300 करोड़ रुपए की देनदारी है, इसलिए इस स्कीम को बंद किया गया है।
हालांकि, सरकार कह रही है कि स्कीम का रिव्यू किया जा रहा है और इसे शुरू किया जाएगा। इससे उलट, सरकार पिछले नौ महीने से इस स्कीम के लिए कोई एप्लीकेशन तक नहीं ले रही है।
क्या थी स्कीम?
– केंद्र सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (एमएसएमई) ने 2000-01 में क्रेडिट लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी स्कीम फॉर टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन शुरू की थी।
– इस स्कीम के तहत एमएसएमई को 1 करोड़ रुपए तक का लोन लेने पर 15 फीसदी (15 लाख रुपए) की सब्सिडी दी जाती थी।
– यह लोन उन करोबारियों को दिया जाता था जो अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए टेक्नोलॉजी को अपग्रेड करते थे।
– इस स्कीम का फायदा पहले से आईडेंटिफाई 51 प्रोडक्ट्स और सब-सेक्टर्स को दिया जा रहा था।
क्यों बंद हुई स्कीम?
मिनिस्ट्री ऑफ एमएसएमई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दरअसल पिछले कई सालों से बैंकों को सब्सिडी का पैसा नहीं दिया जा रहा था। बैंकों का मिनिस्ट्री ऑफ एमएसएमई पर करीब 1300 करोड़ रुपए बकाया हो चुका है।
ऐसे में, जब पूरी मिनिस्ट्री का बजट ही 3 से 4000 करोड़ रुपए के बीच होता है तो मिनिस्ट्री इतना पैसा कहां से दे, इस वजह से इस स्कीम को बंद करने का फैसला लिया गया। उन्होंने कहा कि स्कीम दोबारा शुरू होने की उम्मीद कम ही है।
FISME स्कीम शुरू होने की उम्मीद
फेडरेशन ऑफ इंडियन माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (फिस्मे) के जनरल सेक्रेट्री अनिल भारद्वाज ने बताया कि इस बारे में मिनिस्ट्री में बात हुई है। अधिकारियों ने कहा है कि स्कीम को दोबारा चालू किया जाएगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि स्कीम जल्द ही शुरू हो जाएगी।
क्या होता था फायदा?
– छोटे कारोबारियों के लिए यह स्कीम बेहद फायदेमंद थी। जो कारोबारी अपने प्रोडक्ट्स या सर्विस को अपग्रेड करने के लिए टेक्नोलॉजी पर इन्वेस्टमेंट करता था। वह अगर लोन लेता था तो उसे 15 फीसदी तक सब्सिडी मिल जाती थी।
– मिनिस्ट्री ऑफ एमएसएमई के एनुअल रिपोर्ट 2016-17 के मुताबिक, क्रेडिट लिंक्ड कैपिटल सब्सिडी स्कीम के तहत 2014 से 2016 (31 दिसंबर 2016 तक) के दौरान 15 हजार 684 कारोबारियों को 987.72 करोड़ रुपए की सब्सिडी रिलीज की गई।