दुर्जनों से निपटने में सज्जनता के साथ-साथ बुद्धिमानी भी जरूरी: आदित्य सागर

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कोटा। आदित्य सागर मुनिराज संघ ने बुधवार को चातुर्मास के अवसर पर जैन मंदिर रिद्धि- सिद्धि नगर कुन्हाड़ी में अपने नीति प्रवचन में मानवता और सज्जनता का महत्व समझाया। गुरूदेव ने कहा कि इंसान को अपने स्वभाव में मधुरता लानी चाहिए। सज्जनता का आचरण न केवल समाज में सम्मान दिलाता है, बल्कि दूसरों की मदद कर हमारे भीतर भी सकारात्मकता बढ़ाता है।

उदाहरण के रूप में एक घटना का जिक्र किया गया, जिसमें एक भूखे बच्चे ने समोसा चुरा लिया, लेकिन दुकानदार ने उसे समझाने के बजाय पीटना शुरू कर दिया। पुलिस ने जब बच्चे से पूछा, तो उसने बताया कि वह दो दिनों से भूखा है और समोसा चुराकर अपनी बहन के लिए ले जा रहा था। वक्ता ने कहा कि अगर दुकानदार सज्जन होता तो उसे मारने के बजाय और भोजन देता। इससे यह समझ में आता है कि सज्जन व्यक्ति का स्वभाव होता है कि वह बुराई के बदले भी अच्छा ही करता है।

आदित्य सागर ने बताया कि सज्जन के भाव हमेशा शुद्ध और मधुर होते हैं। वे हर परिस्थिति में दूसरों के प्रति सकारात्मक सोच रखते हैं। सज्जन का स्वभाव मधुर होता है। जैसे गाय दूसरे के बछड़े को भी दूध पिलाती है, वैसे ही सज्जन सबकी भलाई चाहते हैं।

इंसान को अपने शब्दों और स्वभाव से सज्जनता को दर्शाना चाहिए। हमारे शब्द और व्यवहार हमारे चरित्र को प्रदर्शित करते हैं। सज्जनता का महत्व तब अधिक दिखाई देता है जब दुर्जनता उसके सामने होती है, ठीक वैसे ही जैसे काले रंग के साथ सफेद रंग अधिक स्पष्ट और मूल्यवान लगता है।

प्रवचन में एक महत्वपूर्ण सीख दी गई है – “जैसा भूत वैसी भभूत”। यानी दुर्जनों से निपटने में सज्जनता के साथ-साथ बुद्धिमानी भी जरूरी है। सज्जन को अपनी सज्जनता बनाए रखते हुए, दुर्जनों से सावधान रहना चाहिए।

सज्जनता का महत्व दर्शाने के साथ-साथ वक्ता ने यह भी कहा कि सज्जनों को दुर्जनों का सामना करना भी आना चाहिए। हमें सज्जन बने रहना चाहिए, परन्तु दुर्जनता के आगे कमजोर नहीं दिखना चाहिए। यह भी कहा कि सज्जनों को सज्जनता के अनुसार व्यवहार करना चाहिए और अपने स्वभाव में नम्रता और शालीनता बनाए रखनी चाहिए। उन्होंने समझाया कि सज्जनता और विनम्रता से जीवन का हर कठिन रास्ता सरल और सुखमय बनाया जा सकता है।

कार्यक्रम का संचालन पारस कासलीवाल व पदम बड़ला ने किया। इस अवसर पर सकल दिगम्बर जैन समाज के पूर्व अध्यक्ष राजमल पाटोदी,चातुर्मास समिति के अध्यक्ष टीकम चंद पाटनी, मंत्री पारस बज, कोषाध्यक्ष निर्मल अजमेरा, रिद्धि-सिद्धि जैन मंदिर अध्यक्ष राजेन्द्र गोधा, सचिव पंकज खटोड़, कोषाध्यक्ष ताराचंद बडला, अशोक सांवला, भुवनेश कासलीवाल, राजकुमार सबदरा, पदम बड़ला, मोनू लुहाड़िया, पारस लुहाड़िया, सुधीर बड़जात्या एवं मुकेश पाटनी सहित कई श्रावक उपस्थित रहे।

पंचकल्याणक महोत्सव का पोस्टर विमोचन
कोटा के रिद्धि सिद्धि नगर, कुन्हाड़ी में श्री चंद्रप्रभु दिगंबर जैन मंदिर में 9 से 14 नवंबर तक श्री मज्जिनेन्द्र 1008 अरिष्ट नेमिनाथ भगवान के पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव का भव्य आयोजन किया जा रहा है। बुधवार को श्रुत संवेगी मुनिश्री 108 आदित्यसागर जी मुनिराज संसघ के मंगल सान्निध्य मे कार्यक्रम का पोस्टर विमोचन किया गया। पारस बज आदित्य ने बताया कि महोत्सव की आयोजक आध्यमिक विशुद्ध ज्ञान वर्षायोग समिति रिद्धि सिद्धि नगर नगर कुन्हाडी एवं 1008 चंद्रप्रभु दिगम्बर जैन समाज समिति व सकल जैन समाज सहयोगी है।