बच्चे का लोगों में कम घुलना-मिलना शर्मीलापन नहीं बीमारी हो सकती है

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कोटा। Autism spectrum disorder: मनोचिकित्सक एवं काउंसलर डॉ. नीना विजयवर्गीय ने बताया कि ऑटिज्म विकास से जुड़ा एक गंभीर डिसआर्डर है, जो बातचीत करने और दूसरों से घुलने-मिलने की क्षमता को कम कर देता है।

ऑटिज्म डिसआर्डर का असर नर्वस सिस्टम पर होता है। साथ ही, यह प्रभावित व्यक्ति के मानसिक, भावनात्मक, सामाजिक, और शारीरिक स्वास्थ्य पर भी बुरा असर डालता है। यह एक सामान्य विकार होता है। उन्होंने बताया कि हर साल भारत में 10 लाख से ज्यादा मामले सामने आते हैं।

भारत में प्रत्येक 68 में से 1 बच्चा ऑटिज्म से पीड़ित है। इसके कारणों में आनुवांशिकी, पारिवारिक इतिहास, जैव रसायनिक परिवर्तन, सामाजिक और पर्यावरणीय कारक, गर्भावस्था के दौरान की जटिलताएं आदि शामिल हैं। इलाज से इसके लक्षणों का प्रभाव कम किया जा सकता है। इलाज में बच्चे और परिवार के लिए सहायक चिकित्सा शामिल है।

इस बीमारी से पीड़ित लोग नौकरी करने, परिवार और दोस्तों के साथ मेल-मिलाप करने में सक्षम होते हैं, लेकिन कई बार उन्हें इसके लिए दूसरों की मदद लेनी पड़ती है। प्रारंभिक पहचान, साथ ही व्यवहारिक, शैक्षिक और पारिवारिक उपचार लक्षणों को कम कर सकते हैं और विकास और सीखने में सहायता कर सकते हैं।

अभिभावक कैसे पहचानें
उन्होंने बताया कि अपने बच्चों में होने वाले विकासात्मक व व्यवहारिक परिवर्तनों को पहचान कर बीमारी के प्रभाव को कम किया जा सकता है।