Chana price: दीवाली तक चना की कीमतों में बड़ी गिरावट की संभावना नहीं

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नई दिल्ली। Chana price: चना की कीमतों में तेजी अब थमने लगी है। इसकी वजह ऊंचे भाव पर चना की खरीद कमजोर पड़ना है। बीते दिनों चना के भाव ने 8,000 रुपये का रिकॉर्ड स्तर छू लिया था। अब भाव घटकर इसके नीचे आ गए हैं। हालांकि बाजार जानकारों के मुताबिक त्योहारी मांग के कारण दीवाली तक चना की कीमतों में बड़ी गिरावट की संभावना नहीं है।

पिछले महीने के अंतिम सप्ताह में चना के भाव 8,000 रुपये प्रति क्विंटल के रिकॉर्ड स्तर को पार गए थे। लेकिन अब इस महीने चना के भाव 100 से 150 रुपये घटकर 7,700 से 7,850 रुपये क्विंटल रह गए हैं। हालांकि महीने भर में चना की कीमतों में 500 रुपये से अधिक की तेजी आई है। पिछले साल की तुलना में चना 1,400 रुपये क्विंटल महंगा बिक रहा है।

क्यों आई गिरावट?
भारत दलहन और अनाज संघ (IPGA) के सचिव सतीश उपाध्याय के मुताबिक ऊंचे भाव पर दाल मिल वालों की ओर से चने की खरीद अब कमजोर पड़ गई है। जिससे इसकी कीमतों में गिरावट दर्ज की गई है। इसके साथ ही खरीदार सरकार द्वारा अपने स्टॉक से बाजार में चना जारी करने और आयात शुल्क लगाने की अटकलों से भी चिंतित है।

भारत में ऑस्ट्रेलिया से चना काफी आयात होता है और इस साल वहां इसकी पैदावार में भारी इजाफा होने का अनुमान है। इससे भी चना की कीमतों में नरमी को बल मिला है।
कमोडिटी विश्लेषक इंद्रजीत पॉल ने कहा कि भाव काफी बढ़ गए थे। ऐसे में ऊंचे भाव पर खरीदारों ने सतर्कता बरतते हुए चना की खरीद पहले की तुलना में घटाई है। जिससे चना के दाम नरम पड़े हैं।

चना का भविष्य
पॉल ने कहा कि मिल वालों के पास अभी पर्याप्त स्टॉक है। ऐसे में उनकी मांग कमजोर होने से निकट अवधि में चना की कीमतों में 100 से 200 रुपये की और गिरावट आ सकती है। लेकिन जैसे-जैसे उनका स्टॉक कम होगा, वे फिर से खरीद बढ़ा सकते हैं। लिहाजा मध्यम अवधि में चना की कीमतों में तेजी आ सकती है।

IPGA के मुताबिक अक्टूबर के शुरुआत में खुदरा और थोक कारोबारियों की ओर से गिरे भाव पर चना की मांग बढ़ सकती है। साथ ही बोआई के लिए चना की मांग निकलेगी। ऐसे में चना की कीमतों में कुछ तेजी संभव है।