कोटा। आई बैंक सोसाइटी ऑफ राजस्थान के कोटा चैप्टर इकाई की ओर से गुरूवार को ओम कोठारी ग्रुप ऑफ एज्यूकेशनल इन्स्टीट्यूट कोटा में नेत्रदान पखवाड़े का उद्घाटन एवम् नेत्रदान जागरूकता संगोष्ठी आयोजित की गई।
ओम कोठारी ग्रुप आफ एज्यूकेशनल इन्स्टीट्यूट के डाॅ. अमित सिंह राठौड़ ने बताया कि संगोष्ठी में लगभग 155 विद्यार्थीगण ने नेत्रदान का संकल्प लिया। डॉक्टर के. के. कंजोलिया ने बताया कि 2 वर्ष से 80 वर्ष तक की उम्र के व्यक्ति नेत्रदान कर सकते हैं। डॉक्टर कंजोलिया ने बताया कि नेत्रदान के बाद आंखों में विशेष प्रकार का पारदर्शी शेल लगा दिया जाता है, जिससे उसमें कोई कुरूपता नहीं आती है।
नेत्रदान 10 मिनट में पूरी हो जाने वाली, एक रक्त विहीन प्रक्रिया है। इसमें किसी ओ.टी. की भी आवश्यकता नहीं होती है। उन्होने बताया कि मृत्यु के उपरांत दिवंगत की आँखों को पूरी तरह बंद कर, उन पर गीला रुमाल या कपड़ा रख, पंखा बंद कर देना चाहिए, एयरकंडीशन या एसी ऑन करें, जिससे आंखों का कॉर्निया सुरक्षित रहे और सूखे नहीं।
वरिष्ठ नेत्र सर्जन डॉक्टर सुरेश पाण्डेय ने बताया कि भारत में लगभग एक करोड़ 80 लाख व्यक्ति अँधेपन से ग्रस्त हैं। उन्होंने देश में अँधता दृष्टि बाधिता के पांच प्रमुख कारण गिनाये। जिस्मने प्रमुख हैं मोतियाबिन्द, काला पानी (ग्लूकोमा), दृष्टि दोष, रेटिना (पर्दे) की बीमारियां एवं आँख की पारदर्शी पुतली (काॅर्नियां) में होने वाले रोग शामिल हैं।
संगोष्ठी में लायंस क्लब के पूर्व अध्यक्ष शंकर असकंदानी व टैक्निशियन टिंकू ओझा, प्रधानाचार्य डाॅ. स्नेहलता धर्मावत, एनएसएस काॅर्डिनेटर डाॅ. शांता चौहान, प्रतीक गुप्ता सहित शिक्षकगण उपस्थित रहे।