संस्कृत छात्रों के कौशलता विकास और तुरंत रोजगार के लिए 12 विशेष पाठ्यक्रम

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डॉ. अनुकृति शर्मा प्राच्य विद्या कौशल विकास परिषद् में विषय विशेषज्ञ मनोनीत

कोटा। कोटा विश्वविद्यालय में कौशल विकास केंद्र की निदेशक डॉ. अनुकृति शर्मा को प्राच्य विद्या कौशल विकास परिषद (Prachya Vidhya Kaushal Vikas Parishad) की ओर से पाठ्यक्रम निर्मात्री एवं कौशल विषय विशेषज्ञ मनोनीत किया गया है। प्राच्य विद्या कौशल विकास परिषद, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की देखरेख में काम करने वाली स्वायत्त संस्था है। राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली के सहयोग से कौशल आधारित 12 पाठ्यक्रमों का विकास किया जा रहा है। इन पाठ्यक्रमों के निर्माण में डॉ. अनुकृति शर्मा कोर्स क्रिएटर के तौर पर सहयोग करेंगी।

डॉ. अनुकृति शर्मा ने बताया कि पाठ्यक्रम निर्माण से संबंधित दो दिवसीय कार्यशाला दिल्ली में आयोजित की जा रही है। इन पाठ्यक्रमों का उद्देश्य संस्कृत, संस्कृत पढ़ने वाले में वृद्धि और संस्कृत छात्रों में कौशल उपार्जन करना है। संस्कृत छात्रों का कौशल वर्धन करने के लिए कुछ पाठ्यक्रम परिषद द्वारा विशेष रूप से चलाए जाएंगे।

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के द्वारा प्राच्य विद्या कौशल परिषद के रूपरेखा निर्माण तथा उपयुक्त पाठ्यक्रम निर्माण के लिए कुलपति आचार्य श्रीनिवास वरखेड़ी की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है। जिसमें आचार्य मुरली मनोहर पाठक, कुलपति, श्री लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली एवं आचार्य जीएसआर कृष्णमूर्ति कुलपति राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय तिरुपति इनके सदस्य है। कार्यशाला में डॉ. अनुकृति ने कोर्स क्रिएशन की प्रगति पर प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। कार्यशाला गुरुवार को भी जारी रहेगी। जयपुर की डॉ. जयंती गोयल कार्यशाला में हिस्सा ले रही हैं।

इन पाठयक्रमों का होगा निर्माण
संस्कृत छात्रों में कुशलता विकास करने के लिए और साथ ही तुरंत रोजगार प्राप्त करने के लिए 12 विशेष पाठ्यक्रमों का चयन किया गया है। वे इस प्रकार हैं –

  1. एनीमेटर, 2. मोबाइल गेम डेवलपर, 3. न्यूज रीडर, 4. स्क्रिप्ट राइटर, 5. टेंपल कल्चर एंड मैनेजमेंट, 6. इंडीजीनस टेक्नीक्स ऑफ ऑर्गेनिक एग्रीकल्चर, 7. कोडिंग लैंग्वेज (सी++, जावा इत्यादि), 8. एक्टर, 9. कंप्यूटर एप्लीकेशंस/डीटीपी, 10. एंकर, 11. पुराण प्रवचन, 12. पंचकर्म टेक्नीशियन