समता आन्दोलन की मांग पर सर्वोच्च न्यायालय ने लगाई मोहर, मनाया जश्न

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कोटा। सर्वोच्च न्यायालय ने एससी/एसटी के अंदर शामिल अति पिछड़ी जातियों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए रिजर्वेशन के अंदर SC/ST में शामिल जातियों के लिए कोटे के अंदर कोटा दिया गया है। समता आन्दोलन समिति ने सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बैठक का आयोजन कर जश्न मनाया और कोटे के लोगो को सम्मानित भी किया।

बैठक में समता आंदोलन समिति के संभागीय अध्यक्ष डॉ. अनिल शर्मा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के एससी/एसटी समाज को कोटे के भीतर कोटा देने और क्रीमीलेयर का आरक्षण समाप्त करने से एससी/एसटी समाज के गरीब तबके को इस फैसले का लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस फैसले से एससी-एसटी समाज के वास्तविक दलित एवं वचित गरीब को आरक्षण का लाभान्तिवत होगा।

अभी तक आरक्षण का ज्यादातर लाभ समाज के प्रभावशाली लोग पीढी दर पीढी उठा रहे थे, और गरीब बोल नहीं पा रहे थे। उन्होंने कहा कि इन मांगों पर समता आंदोलन समिति विगत कई वर्षों से आंदोलनरत थी, यह समिति के संघर्ष की जीत है।

डॉ. अनिल शर्मा ने कहा कि शीघ्र ही समता आंदोलन समिति कोटा प्रधानमंत्री एवं राज्य के मुख्यमंत्री को ज्ञापन देकर सर्वोच्च न्यायालय का फैसला शीघ्र लागू करने की मांग करेगा, ताकि नारकीय जीवन जी रहे गरीबों को उनका हक मिल सके और वो देश की मुख्य धारा से जुड़ सकें।

बैठक के बाद समता आंदोलन समिति के राजेन्द्र गौतम, गोपाल गर्ग, कमल सिंह बड़गुर्जर, रासबिहारी पारीक, डॉ. बनवारी जिंदल समेत सैकड़ों समता के कार्यकर्ताओं ने आतिशबाजी कर फैसले पर अपनी खुशी व्यक्त की और समता आंदोलन समिति से जुडे अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के अध्यक्ष छीतर लाल मेहरा, सदस्य मदनलाल बैरवा एवं मनीष मीणा राम सहाय मीणा को सम्मानित किया।