भारत दुनिया की सबसे तेजी से आगे बढ़ती अर्थव्यवस्था: वित्त मंत्री सीतारमण

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नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को कहा कि सरकार के अर्थव्यवस्था के बेहतर प्रबंधन और बुनियादी ढांचे पर पूंजीगत व्यय के कारण कोविड महामारी के बाद भारत ने ऊंची वृद्धि हासिल की और आज हमारा देश दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है। उन्होंने लोकसभा में बजट 2024-25 पर चर्चा का जवाब देते हुए यह भी कहा कि बजट में किसी राज्य का नाम नहीं होने का मतलब यह नहीं है, उसे कोई आवंटन नहीं हुआ है।

सीतारमण ने कहा, ‘‘ चालू वित्त वर्ष के लिए कुल 48.21 लाख करोड़ रुपये के बजट में सामाजिक और भौगोलिक समावेश पर जोर है। यानी हर वर्ग और क्षेत्र का ध्यान दिया गया है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सरकार के अर्थव्यवस्था के बेहतर प्रबंधन और बुनियादी ढांचे पर पूंजीगत व्यय के कारण महामारी के बाद हमारी अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ी है। आज हम दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था हैं।’’

सीतारमण ने कहा, ‘‘हमारी आर्थिक वृद्धि न केवल बेहतर है बल्कि हम राजकोषीय घाटे को कम करने के रास्ते पर भी हैं। उल्लेखनीय है कि 2023-24 में देश की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 8.2 प्रतिशत रही है और भारत ने दुनिया में सबसे तेजी से वृद्धि दर्ज करने वाले प्रमुख देश का दर्जा बरकरार रखा है। उन्होंने कहा, ‘‘हम राजकोषीय मजबूती के तहत 2025-26 में राजकोषीय घाटे को 4.5 प्रतिशत पर लाने के लक्ष्य की दिशा में बढ़ रहे हैं। चालू वित्त वर्ष में इसके 4.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है। इसका श्रेय बेहतर अर्थव्यवस्था प्रबंधन को जाता है।’’

वित्त मंत्री ने विपक्षी दलों के सामाजिक क्षेत्रों के लिए आवंटन कम करने के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि बजट दस्तावेज इसके उलट बयां करता है। शिक्षा क्षेत्र के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। यह पिछले वित्त वर्ष से ज्यादा है।

बीच-बीच में हिंदी में चर्चा का जवाब देते हुए सीतारमण ने कहा, ‘‘विपक्षी सदस्यों ने कहा कि बजट में केवल दो राज्यों को पैसा दिया गया है। यह कुछ और नहीं बल्कि लोगों को गुमराह करने का काम है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘2004-25 के बजट में 17 राज्यों का नाम नहीं था…2010-11 के बजट में 19 राज्यों का जिक्र नहीं था, 2014-15 में 10 राज्यों का जिक्र नहीं है।’’

सीतारमण ने कहा, ‘‘यह सबको पता है कि तत्कालीन संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार की गलत नीतियों से महंगाई दहाई अंक के करीब चली गयी थी लेकिन आज यह काफी हद तक नियंत्रण में है। यह सरकार की बेहतर नीतियों का नतीजा है।’’