नई दिल्ली। Oilseeds: Sowing: पिछले साल की तुलना में वर्तमान खरीफ सीजन के दौरान 15 जुलाई तक अखिल भारतीय स्तर पर तिलहन फसलों का कुल उत्पादन क्षेत्र 115.08 लाख हेक्टेयर से 25.35 लाख हेक्टेयर बढ़कर 140.43 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया जो वर्ष 2022 के बिजाई क्षेत्र 134.04 लाख हेक्टेयर एवं वर्ष 2021 के क्षेत्रफल 124.83 लाख हेक्टेयर से भी ज्यादा है।
तिलहन फसलों की बिजाई अगले कुछ सप्ताहों तक जारी रहेगी। उम्मीद के विपरीत इस बार सोयाबीन के उत्पादन क्षेत्र में जबरदस्त बढ़ोत्तरी देखी जा रही है। समीक्षाधीन अवधि में इसका बिजाई क्षेत्र 82.44 लाख हेक्टेयर से 25.66 लाख हेक्टेयर उछलकर 108.10 लाख हेक्टेयर पर पहुंच गया जो वर्ष 2022 एवं 2021 के रकबे से भी काफी ज्यादा है।
वस्तुतः सोयाबीन का थोक मंडी भाव लम्बे अरसे से न्यूतनम समर्थन मूल्य से नीचे चल रहा है और किसानों तथा व्यापारियों के पास इसका अच्छा खासा स्टॉक भी मौजूद है। विदेशों से सस्ते सोयाबीन तेल का विशाल आयात जारी है। इसे देखते हुए चालू खरीफ सीजन में इस महत्वपूर्ण तिलहन फसल का उत्पादन क्षेत्र घटने का अनुमान लगाया जा रहा था लेकिन इसके विपरीत क्षेत्रफल में भारी बढ़ोत्तरी देखी जा रही है।
सरकार ने सोयाबीन का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2023-24 सीजन के 4600 रुपए प्रति क्विंटल से 6.3 प्रतिशत बढ़ाकर 2024-25 सीजन के लिए 4892 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है।
अन्य तिलहन फसलों में मूंगफली का उत्पादन क्षेत्र 28.20 लाख हेक्टेयर, तिल का 3.21 लाख हेक्टेयर, सूरजमुखी का 51 हजार हेक्टेयर, नाइजर सीड का 20 हजार हेक्टेयर तथा अरंडी का बिजाई क्षेत्र 16 हजार हेक्टेयर पर पहुंचा। गुजरात में बिजाई अब जोर पकड़ने की उम्मीद है।