पद के दुरूपयोग मामले में क्या पूजा खेडकर से छिन सकता है IAS का तमगा

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नई दिल्ली। IAS officer, Pooja Khedkar Case: साल 2022 बैच की प्रोबेशनरी IAS अधिकारी पूजा खेडकर के ‘पावर का गलत इस्तेमाल’ के विवाद के बीच, केंद्र सरकार ने मामले की जांच के लिए एक सदस्यीय समिति बनाई है।

यह समिति फर्जी सर्टिफिकेट और इंटरव्यू के समय हुई जांच के आरोपों की जांच करेगी, जबकि IAS एकेडमी उनके प्रोबेशन के दौरान के आचरण की अलग से जांच करेगी। फिलहाल पूजा अपनी सेवा के प्रोबेशन में ट्रेनी के तौर पर कार्यरत हैं। इससे पहले उन्होंने लाल बहादुर शास्त्री नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन से ट्रेनिंग भी ली है।

इस बीच यहां जानिए अगर कोई आईएएस अधिकारी अयोग्य पाया जाता है तो सरकार उसको लेकर क्या कार्रवाई कर सकती है और एक भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी को हटाने के नियम क्या हैं, यहां जानिए।

पूजा पर यह भी आरोप है कि उन्होंने सिविल सेवा परीक्षा पास करने के लिए फर्जी विकलांगता और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) प्रमाण पत्र जमा किए थे। हाल ही में पावर के दुरुपयोग की शिकायतों के बाद उनका तबादला पुणे से वाशिम कर दिया गया था।

महाराष्ट्र सरकार की ओर से आए आधिकारिक अपडेट में कहा गया है कि IAS ट्रेनी पूजा खेडकर, जिन्होंने VIP सुविधा की मांग की थी, उनका तबादला पावर के दुरुपयोग की शिकायतों के बाद कर दिया गया है, प्रशासनिक सेवाओं में उनके प्रवेश पर सवाल उठाए जा रहे हैं। इस पर जांच जारी है।

पुणे ट्रैफिक पुलिस ने पूजा को उनकी निजी ऑडी कार पर एम्बर बीकन और ‘महाराष्ट्र सरकार’ लिखे होने के मामले में नोटिस भेजा है। नोटिस में कहा गया है कि मोटर वाहन अधिनियम की धारा 177 के तहत और पहले भी यातायात नियमों के उल्लंघन के लिए वाहन के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की गई थी, जिसका 21000 रुपये चालान अभी तक जमा नहीं किया गया है।​

प्रशासनिक अधिकारियों की नियुक्ति से जुड़े नियमों के अनुसार IAS का प्रोबेशन करने वाले ट्रेनी का समय अंतराल 2 साल का होता है जिसे सरकार जरूरत पड़ने पर बढ़ा भी सकती है और साथ ही आवश्यकता पड़ने पर अधिकारी को पद से हटाया भी जा सकता है और पद पर आसीन अधिकारी को दोबारा परीक्षा देनी पड़ सकती है।

क्या कहता है 1954 एक्ट का रूल नंबर 9
IAS के प्रोबेशन रूल्स के अनुसार प्रोबेशन पर चल रहे अधिकारी को हटाया भी जा सकता है और 1954 एक्ट का रूल नंबर 9 कहता है कि अगर ट्रेनी दोबारा परीक्षा का मौका दिए जाने पर अगर एग्जाम पास करने में विफल रहता है और केंद्र को लगता है कि IAS भर्ती के लिए अयोग्य है तो उसे सेवा से बर्खास्त किया जा सकता है।