नई दिल्ली। जियो वेव पर सवार होकर भारत धीरे-धीरे डिवेलपिंग कंट्री से एक 4G पावर बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। शुक्रवार को एक रिपोर्ट में कहा गया कि 2018 में भारत एक पूर्ण विकसित 4G कंट्री बन सकता है। लंदन स्थित वायरलस कंपनी OpenSignal ने कहा है कि भारतीय बाजार में जियो की एंट्री के बाद टेलिकॉम इंडस्ट्री में प्राइस वार शुरू हो गया। ग्राहकों को इससे बड़ा फायदा हुआ। सभी ऑपरेटरों को सस्ती LTE सेवाएं शुरू करने को मजबूर होना पड़ा। इससे बड़ी संख्या में ग्राहक 4G पर शिफ्ट हुए, जैसा पहले कभी नहीं हुआ थ
OpenSignal के एंड्री टॉथ ने कहा, ‘यह ट्रेंड अगले साल भी जारी रहेगा। 4G मार्केट में जियो का दबदबा आगे भी बने रहने की पूरी संभावना है। एक साल तक फ्री और सस्ते डेटा देने के बाद जियो के रेट 2018 में बढ़ सकते हैं। इसके बाद भारत के ऑपरेटर्स के लिए भी नई रणनीति पर काम करना होगा।’
टॉथ ने आगे कहा, ‘जियो के शानदार 4G नेटवर्क ने बहुत जल्दी लोगों का दिल जीत लिया। पहली कंपनी है, जिसने फ्री में सेवा दी और सस्ते डेटा प्लान पेश किए। इसी का नतीजा था कि देशभर में 10 करोड़ से ज्यादा मोबाइल उपभोक्ता उसके साथ जुड़ गए।’
Crisil के अनुमाल के मुताबिक भारत में इस समय 40% मोबाइल डेटा ग्राहक हैं जो 2022 तक दोगुना बढ़कर 80% तक हो सकते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘पिछले साल बड़ी संख्या में डेटा यूजर्स बढ़ने में LTE सेवा ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। मोटे तौर पर इसके लिए जियो को ही धन्यवाद करना होगा।’
TRAI के डेटा के मुताबिक जून 2017 में समाप्त हुई तिमाही के दौरान कुल डेटा का इस्तेमाल बढ़कर 4.2 मिलियन टेराबाइट्स हो गया, जिसमें से 3.9 मिलियन टेराबाइट्स 4G डेटा ही था।
टॉथ ने कहा, ‘भारत में LTE की उपलब्धता उल्लेखनीय है। यूजर्स 84 फीसदी समय LTE सिग्नल से कनेक्ट रहने में कामयाब रहे। LTE उपलब्धता के मामले में भारत दुनिया के कुछ प्रमुख देशों जैसे स्वीडन, ताइवान, स्विट्जरलैंड या यूके से भी आगे चल रहा है।’
मार्केट में महज 6 महीने में ही जियो ने इस साल 4G रेस में खुद को पहले पायदान पर पहुंचा दिया। कंपनी की पूर्व की एक रिपोर्ट के मुताबिक 91.6 फीसदी समय यूजर्स LTE सिग्नल से कनेक्ट रहे। जबकि इस टेस्ट में कोई दूसरा मोबाइल ऑपरेटर 60% से ज्यादा स्कोर करने में कामयाब नहीं हो सका।
टॉथ के मुताबिक 6 महीने के बाद सभी बड़े ऑपरेटर्स की उपलब्धता में काफी सुधार देखा गया, लेकिन यह सुधार जियो के साथ बने गैप को भरने के लिए पर्याप्त नहीं था। रिपोर्ट में बताया गया है, ‘हमारी ताजा LTE रिपोर्ट में 77 देशों में से भारत सबसे नीचे वाले पायदान पर रहा।
यहां औसत डाउनलोड स्पीड 6.1M थी, जो वैश्विक औसत से 10 Mbps से भी ज्यादा कम थी।’ एक समस्या यह देखी जा रही है कि ज्यादा 4G ग्राहक बढ़ने के कारण नेटवर्क में कन्जेशन बढ़ा है, जिससे औसत डाउनलोड स्पीड घटी है।