कोटा। वाहन चालक अपनी जिंदगी को अनमोल समझें। घर पर उनका कोई इंतजार कर रहा है। यातायात नियमों को बोझ नहीं मानें। जरा सी चूक परिवार को बड़ा दंश दे जाती है। लोग स्वप्रेरित हों और वाहन चलाते समय सुरक्षा बरतें।
यातायात के नियम तोड़ने वालों के लिए समझाइश के बाद भी नहीं मानते तो ट्रैफिक पुलिस परिवहन विभाग सख्त कार्रवाई करे। जनप्रतिनिधि नियम तोड़ने वालों के बचाव में कभी ट्रैफिक पुलिस आरटीओ को फोन नहीं करेंगे।
यह बात शुक्रवार को श्रीनाथपुरम स्थित यूआईटी के ऑडिटोरियम में आयोजित सड़क सुरक्षा जन जागृति अभियान कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी ने कही।
उन्होंने कहा कि देश में हर चार मिनट में एक सड़क दुर्घटना होती है। देश विश्व में सड़क दुर्घटनाओं में वर्ष 2006 से अब तक पहले स्थान पर है। देश में हर साल 1.45 लाख लोगों की सड़क दुर्घटना में मौत होती है। 5 लाख से ज्यादा लोग घायल होते हैं।
मंत्री ने कहा वर्ष 2016 में राजस्थान में कुल 23066 दुर्घटनाएं हुई, जिसमें 10465 लोग मारे गए। 24103 लोग घायल हुए। वर्ष 2015 में दुर्घटना में मृतकों की संख्या के अनुसार राजस्थान देश में 5वें स्थान पर है जो चिंता का विषय है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सांसद ओम बिरला ने कहा कि यह अभियान एक दिन का नहीं 365 दिन का है। ट्रैफिक पुलिस यातायात पुलिस वाहन चालक ने शराब पी रखी है या नहीं इसी पुष्टि करें। चूंकि ज्यादातर दुर्घटनाएं शराब के कारण होती हैं।
वाहन चालक पूरी नींद निकालें, उसके बाद वाहन चलाएं। ओवरटेकिंग में वाहन चालक बड़ी लापरवाही करते हैं। इसके लिए नियमित समझाइश हो। स्कूल कॉलेजों में सड़क सुरक्षा के नियम पढ़ाए जाएं।
सड़क सुरक्षा में लापरवाही करने वालों के लिए कोई राजनेता फोन करे तो उसकी बात नहीं मानी जाए। सांसद ने कहा कि कम्प्यूटर का जमाना आने से आरटीओ में भ्रष्टाचार पर लगाम लगी है। अन्यथा विभाग की ओर से बिना देखें लाइसेंस बना दिया जाता था। यूआईटी चेयरमैन आरके मेहता ने कहा अभिभावक कम उम्र के बच्चों को वाहन नहीं दें।