मसाला बोर्ड ने नीलामी केन्द्रों में इलायची में री-पूलिंग पर प्रतिबंध लगाया

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इडुक्की। लम्बे समय तक बाजार की स्थिति का अध्ययन-आंकलन करने के बाद अंततः मसाला बोर्ड ने नीलामी केन्द्रों में इलायची की री-पूलिंग (दोबारा बिक्री) पर अब प्रतिबंध लगा दिया है। इडुक्की (केरल) जिले के इलायची उत्पादक लम्बे समय से इसकी मांग कर रहे थे।

मसाला बोर्ड के विपणन निदेशक द्वारा जारी एक सर्कुलर में कहा गया है कि री-पूलिंग को घटाने के लिए किसी भी नीलामी केन्द्र में लाइसेंस धारी डीलर्स द्वारा नीलामी के लिए रखी गई कुल मात्रा के 25 प्रतिशत भाग से अधिक इलायची की पूलिंग नहीं की जाएगी।

मसाला बोर्ड ने लाइसेंस धारी नीलामी कंपनियों को इस नियम को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया है। वर्तमान समय में डीलर्स के लिए प्रत्येक नीलामी में 25 टन तक इलायची की मात्रा की पूलिंग हो सकती है। एक अन्य सर्कुलर में मसाला बोर्ड ने कहा है कि अनेक बार यह देखा गया कि एक ही डीलर द्वारा इलायची की पहले पूलिंग की गई और फिर उसी लॉट की खरीद भी कर ली गई।

कुछ डीलर्स द्वारा इस तरह की अनैतिक प्रक्रिया अपनाई जा रही थी जिससे पूरी प्रणाली में हेरा फेरी एवं अनियमितता की आशंका बनी रहती थी। इससे इलायची उत्पादकों का हित बुरी तरह प्रभावित हो रहा था।

सर्कुलर के अनुसार अब नीलामी कर्ताओं के लिए यह सुनिश्चित करना आवश्यक होगा कि किसी भी डीलर को किसी भी नीलामी में उस लॉट की इलायची खरीदने की अनुमति न दी जाए जिसकी स्वयं उसने ही पूलिंग की है।

उत्पादकों के अनुसार डीलर्स नीलामी केन्द्र में ऋण (साख) के आधार पर इलायची की खरीद करते हैं और फिर किसी अन्य नीलामी में उसी इलायची के लॉट की पूलिंग करके अच्छा मुनाफा कमा लेते हैं।

यह प्रक्रिया लम्बे समय से चली आ रही है। हाल ही में वंदनमेडु कार्डामम ग्रोअर्स एसोसिएशन केरल उच्च न्यायालय में एक याचिका दाखिल करके इलायची में री-पूलिंग पर रोक लगाने का आग्रह किया था। दूसरी ओर केरल कार्डामम डीलर्स चैम्बर ने भी उच्च न्यायालय में अर्जी देकर नीलामी केन्द्रों में इलायची की 100 प्रतिशत री-पूलिंग करने की अनुमति देने का अनुरोध किया था।

कोर्ट ने मसाला बोर्ड को पूरे मामले का अध्ययन करके उसके (कोर्ट के) दिशा-निर्देश के आधार पर कोई समाधान तलाशने के लिए कहा था और बोर्ड ने अब इलायची की री-पूलिंग पर ही प्रतिबंध लगा दिया है।