केईडीएल के दफ्तरों में अफसरों को बिना बिजली बैठने पर मजबूर करेगी भाजपा

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राजस्थान सरकार द्वारा पूर्ण बिजली आपूर्ति होने के बावजूद, केईडीएल की मनमानी से परेशान आमजन

कोटा। भारतीय जनता पार्टी कोटा शहर जिलाध्यक्ष राकेश जैन ने कहा कि राजस्थान सरकार द्वारा राजस्थान में पूर्ण बिजली आपूर्ति की व्यवस्था करने के बावजूद भी कोटा शहर में केईडीएल द्वारा बिजली आपूर्ति की व्यवस्था में सुधार नहीं किया जा रहा है। रोजाना कोटा शहर में अनेक स्थानों से बिजली बंद होने की शिकायतें आ रही हैं।

कल ही उर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने बिजली विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करके अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिये कि तुरंत बिजली व्यवस्था को सुव्यवस्थित किया जाए। इस वक्त भीषण गर्मी में बिजली बंद होना, शिकायत दर्ज कराने के बावजूद घण्टों तक बिजली आपूर्ति ना होने से बच्चे, बुजुर्ग, व्यापारी, आमजन परेशान हैं।

शनिवार रात्रि लगभग 11 बजे भाजपा रामपुरा मंडल अध्यक्ष दिनेश शर्मा एवं वरिष्ठ कार्यकर्ता दिलीप चतुर्वेदी ने भाजपा जिलाध्यक्ष राकेश जैन को फोन पर गुलाबबाडी, आर्यसमाज रोड , विजय पाडा इलाक़े में पिछले दो घण्टे से बिजली बंद विषय से अवगत करवाया, जिस पर जिलाध्यक्ष राकेश जैन द्वारा केईडीएल अधिकारियों को समस्या बताने के बाद भी काफी देर बाद बिजली आपूर्ति हो पायी।

इसी तरह महावीर नगर निवासी पारस जैन ने जिलाध्यक्ष राकेश जैन को रात्रि 2 बजे बिजली बंद से अवगत कराया, उसके पश्चात काफी देर बाद कम वोल्टेज पर बिजली आपूर्ति हो पायी। कम वोल्टेज के कारण सुबह तक एसी, कूलर आदि नहीं चले। परीक्षा के दौरान बिना बिजली के बच्चे पढ़ नहीं पा रहे हैं। कोटा शहर में अनेक स्थानों पर बिजली बंद होने की शिकायतें आ रही हैं।

इसी तरह महावीर नगर निवासी पारस जैन ने जिलाध्यक्ष राकेश जैन को रात्रि 2 बजे बिजली बंद से अवगत कराया, उसके पश्चात काफी देर बाद कम वोल्टेज पर बिजली आपूर्ति हो पायी। कम वोल्टेज के कारण सुबह तक एसी, कूलर आदि नहीं चले। परीक्षा के दौरान बिना बिजली के बच्चे पढ़ नहीं पा रहे कोटा शहर में अनेक स्थानों पर बिजली बंद होने की शिकायतें आ रही है।

भाजपा जिलाध्यक्ष राकेश जैन ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगले तीन दिन में केईडीएल ने कोटा शहर में बिजली आपूर्ति व्यवस्था को सही नहीं किया तो भाजपा कार्यकर्ता केईडीएल के दफ्तरों की तरफ कूच करने के लिए मजबूर हो जायेगा। भाजपा कार्यकर्ता केईडीएल के दफ्तरों में अधिकारियों को बिना बिजली बैठने को मजबूर कर देगा। इसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी केईडीएल की होगी।