नरसिंह जयंती: मथुराधीश मंदिर पर हुए नरसिंह भगवान के जन्म के दर्शन

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ठाकुर जी के सम्मुख कराया जाएगा शालिग्राम जी का पंचामृत स्नान

कोटा। शुद्धाद्वैत प्रथम पीठ श्री बड़े मथुराधीश मंदिर पाटनपोल पर बुधवार को भगवान नरसिंह प्राकट्य उत्सव मनाया गया। प्रथम पीठ युवराज मिलन कुमार बाबा ने बताया कि मंगला दर्शन के बाद प्रभु को चंदन, आंवला, फुलेल से अभ्यंग कराया गया। वही संध्या आरती के बाद चौक में शीतल जल का छिड़काव किया गया। राजभोग से संध्या आरती तक जल का थाल रखा गया। जिसमें प्रभु जलविहार के लिए पधारे।

उन्होंने बताया कि नृसिंह भगवान का जन्म सूर्यास्त के पश्चात् एवं रात्रि के पूर्व हुआ था। अतः इस भाव से संध्या आरती दर्शन के बाद नरसिंह भगवान के जन्म के दर्शन कराए गए। जन्म के दर्शन में प्रभु के सम्मुख शालिग्राम जी को पंचामृत स्नान कराया गया।

उन्होंने बताया कि नरसिंह भगवान उग्र अवतार हैं। उनके क्रोध का शमन करने के भाव से शयन में शीतल सामग्री धराई गई। प्रथम पीठ युवराज मिलन कुमार बाबा ने बताया कि पुष्टिमार्ग में चार ही अवतारों को मान्यता दी गई है।

श्री राम, श्रीकृष्ण, नरसिंह भगवान और वामन अवतार इन चार अवतारों को मुख्य माना गया है। यह चारों अवतार प्रभु ने निस्साधन भक्तों पर कृपा करने के उद्देश्य से लिए थे। उनकी लीला को पुष्टिलीला माना गया है।