स्टॉकिस्टों की मांग से जीरा की कीमतों में सुधार, ईसबगोल के भाव मजबूत

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नई दिल्ली। जीरा की कीमतों में बुधवार को सुधार रहा। भाव न्यूनतम स्तर पर आ जाने के वर्तमान में निर्यातकों के साथ-साथ लोकल स्टॉकिस्टों की मांग में भी सुधार दर्ज किया जा रहा है।

जिस कारण से आज ऊंझा मंडी में जीरे के भाव 200/300 रुपए प्रति क्विंटल तेजी के साथ बोले गए। सूत्रों का मानना है कि हालांकि कीमतों में हाल-फिलहाल अधिक तेजी संभव नहीं है।

क्योंकि पैदावार अधिक होने के कारण किसानों के पास स्टॉक पर्याप्त मात्रा में है। अतः कीमतें बढ़ने के पश्चात मंडियों में भी जीरे की आवक बढ़ने लगेगी। भाव काफी घट जाने के कारण किसानों में माल का स्टॉक किया हुआ है। क्योंकि गत सीजन के 620/630 रुपए के रिकॉर्ड भाव भी किसानों ने देखे है। वर्तमान में मंडियों में क्वलिटीनुसार जीरे के भाव 200/260 रुपए प्रति किलो बोले जा रहे हैं।

ईसबगोल के भाव मजबूत: ईसबगोल के भाव मजबूती के साथ बोले जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि चालू सीजन के दौरान देश में अधिक पैदावार के चलते ईसबगोल की कीमतों में अच्छी गिरावट देखी गई है।

उत्पादक केन्द्रों पर अप्रैल माह के दौरान नए ईसबगोल की आवक बढ़ने के कारण मंडियों में ईसबगोल के भाव घटकर 110/135 रुपए प्रति किलो पर आ गए थे जोकि वर्तमान में फिर बढ़कर 115/142 रुपए पर बोले जाने लगे हैं। जुलाई- 2023 में उत्पादक केन्द्रों की मंडियों पर ईसबगोल का भाव 255/260 रुपए के स्तर पर बोला जा रहा था।

जानकार सूत्रों का कहना है कि अधिक पैदावार का बाजार में मंदा आ चुका है। अब ईसबगोल में मंदे की संभावना नहीं है। आज भाव नीचे होने के कारण निर्यातकों के अलावा लोकल मांग भी अच्छी चल रही है।

हालांकि कीमतों में अधिक तेजी हाल-फिलहाल आने के आसार नहीं हैं। क्योंकि भाव बढ़ने पर मंडियों में सप्लाई बढ़ जाएगी। भाव कम होने के कारण वर्तमान में मंडियों में ईसबगोल की आवक आशानुरूप नहीं हो रही है।

गत सीजन में भावों में अच्छी तेजी आने के कारण चालू सीजन के लिए उत्पादक राज्य गुजरात एवं राजस्थान में ईसबगोल की बिजाई अधिक क्षेत्रफल पर की गई थी। जिस कारण से दूसरे वर्ष भी देश में ईसबगोल की पैदावार अधिक होने के अनुमान लगाए जा रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2022 में देश में ईसबगोल का उत्पादन 24/25 लाख बोरी का रहा था जोकि वर्ष 2023 में बढ़कर 28/30 लाख बोरी का हो गया जबकि वर्ष 2024 में उत्पादन अनुमान 38/40 लाख बोरी (प्रत्येक बोरी 75 किलो) का लगाए जा रहे हैं।