-कृष्ण बलदेव हाडा-
Lok Sabha Election 2024: राजस्थान में लोकसभा के चुनाव के दूसरे चरण में 13 सीटों के चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह सहित मुख्यमंत्री अशोक गहलोत,भजन लाल शर्मा और चुनाव मैदान में भाग्य आजमा रहे केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, कैलाश चौधरी, भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष चंद्र प्रकाश जोशी, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चंद्र प्रकाश जोशी एवं उन दो पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और श्रीमती वसुंधरा राजे की प्रतिष्ठा दांव पर है जिनके पुत्र इस विधानसभा चुनाव में अपना भाग्य आजमा रहे हैं।
कोटा-बूंदी लोकसभा सीट पर हो चुनाव में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की प्रतिष्ठा दांव पर है जो लगातार तीसरी बार इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में हैं जहां उनका मुकाबला मार्च महीने में भारतीय जनता पार्टी को छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए दो बार के पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल से हो रहा है और उन्हें प्रहलाद गुंजल की कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।
कोटा संभाग की दूसरी सीट झालावाड़-बारां पर पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती वसुंधरा राजे के पुत्र दुष्यंत सिंह लगातार पांचवीं बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। पिछले चार चुनाव उन्होंने कांग्रेस को बड़े मतो के अंतर से हराकर जीते हैं। इस बार उनका मुकाबला अशोक गहलोत सरकार में मंत्री रहे प्रमोद जैन भाया की पत्नी श्रीमती उर्मिला जैन भाया से हैं जो दूसरी बार दुष्यंत सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ रही है।
पूर्व मुख्यमंत्री श्रीमती राजे दुष्यंत सिंह के नामांकन भरने के बाद से लगभग ज्यादातर समय झालावाड़-बारां संसदीय क्षेत्र में ही रही है और यहां उन्होंने अपने पुत्र के पक्ष में जमकर चुनाव प्रचार किया है और उन्हें हर जगह भरपूर समर्थन मिला है।
एक अन्य पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पुत्र वैभव गहलोत इस बार जालौर सीट से कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं जहां उनका मुकाबला भारतीय जनता पार्टी के लुंबाराम चौधरी से है । वैभव गहलोत दूसरी बार चुनाव लड़ रहा है। पहला चुनाव उन्होंने जोधपुर से लड़ा था और हार गए थे।
वैभव गहलोत को चुनाव हराने वाले केंद्रीय जल संसाधन मंत्री। गजेंद्र सिंह शेखावत एक बार फिर इस सीट से चुनाव मैदान में हैं जिनका मुकाबला कांग्रेस के प्रत्याशी करणी सिंह उचियारड़ा से है जो गजेंद्र सिंह शेखावत को कड़ी टक्कर दे रहे। करणी सिंह उचियारडा पहली बार चुनाव मैदान में हैं ।
इसी तरह से चौधरी बाड़मेर सीट से भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में हैं लेकिन इस बार वे त्रिकोणीय संघर्ष में फस गए हैं। यहां कांग्रेस के उम्मीदवार उम्मीदे राम बेनीवाल के अलावा निर्दलीय प्रत्याशी रविंद्र सिंह भाटी चुनाव मैदान में हैं, जिन्हें अब तक के उनके चुनाव प्रचार अभियान को देखते हुए इस सीट से जीत का प्रबल दावेदार माना जा रहा है।
हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में भी रविंद्र सिंह भाटी ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा था और अपनी जीत दर्ज करवाई थी। बाड़मेर-जैसलमेर संसदीय सीट के लिए हो रहे चुनाव में भी रविंद्र सिंह भाटी बड़ी मजबूती के साथ अपनी दावेदारी को प्रस्तुत करने हैं।जिसके कारण भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशी को कड़ा संघर्ष करना पड़ा पड़ा है।
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्र प्रकाश जोशी चित्तौड़गढ़ सीट से लगातार तीसरी बार लोकसभा चुनाव में है जहां उनका मुकाबला कांग्रेस प्रत्याशी उदय लाल आंजना से है विधायक के अलावा लोकसभा के लिए भी निर्वाचित हो चुके हैं। पिछली विधानसभा के अध्यक्ष डॉक्टर सीपी जोशी कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में भीलवाड़ा संसदीय क्षेत्र से अपना भाग्य आजमा रहे हैं।
हाडोती के बूंदी जिले की हिंडोली विधानसभा इस संसदीय क्षेत्र में शामिल है जहां से विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रत्याशी अशोक चांदना पूर्व मंत्री प्रभुलाल सैनी को बड़े अंतर से चुनाव जीते थे। भीलवाड़ा संसदीय सीट पर डॉक्टर सीपी जोशी का मुकाबला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नजदीकी माने जाने वाले दामोदर अग्रवाल से जो भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री है और पूर्व में भी चुनाव लड़ चुके हैं।
प्रदेश की बांसवाड़ा सीट पर भी दिलचस्प मुकाबला होने जा रहा है। यहां से भारतीय जनता पार्टी ने हाल ही में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए पूर्व मंत्री महेंद्र सिंह मालवीय को अपना प्रत्याशी बनाया है। बांसवाड़ा सीट पर उनका मुख्य मुकाबला भारतीय आदिवासी पार्टी के प्रत्याशी राजकुमार रोत से हैं जो वर्तमान में विधायक हैं, लेकिन यहां से कांग्रेस के उम्मीदवार अरविंद सितारा डामोर भी चुनाव मैदान में हैं।
यह सीट गठबंधन के तहत कांग्रेस ने भारतीय आदिवासी पार्टी के लिए छोड़ी थी लेकिन कांग्रेस के प्रत्याशी के रूप में पहले ही अरविंद डामोर को टिकट दे दिया था। बाद में भारतीय आदिवासी पार्टी से कांग्रेस का समझौता हुआ लेकिन इस समझौते के बाद भी कांग्रेस उम्मीदवार अरविंद डामर चुनाव मैदान में डटे हैं।
लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की साख इसलिए दाव पर है क्योंकि उन्होंने भाजपा प्रत्याशियों के समर्थन में राजस्थान में कई बड़ी चुनावी सभा की है और यही नहीं भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी उनके नाम को अपने काम की जगह ज्यादा तरजीह दे रहे हैं। यहां तक कि वर्तमान में निर्वाचित सांसद भी अपनी उपलब्धियां गिनाने के बजाये प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी की उपलब्धियों को गिनाते हुए मतदाताओं से वोट मांग रहे हैं।