Oilmeal Export : खली का निर्यात 13 फीसदी बढ़कर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा

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नई दिल्ली। Oilmeal Export : देश से खली का निर्यात रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। वर्ष 2023-24 के दौरान खली निर्यात में करीब 13 फीसदी इजाफा हुआ। सबसे अधिक खली का निर्यात बांग्लादेश को हुआ है।

वर्ष 203-24 के दौरान विदेशों में भारतीय खली की खूब मांग देखी गई। जिससे देश से खली का रिकॉर्ड निर्यात हुआ है। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2023-24 में देश से रिकॉर्ड 48.85 लाख टन खली का निर्यात हुआ। वर्ष 2022-23 में 43.36 लाख टन खली का निर्यात हुआ था। इस तरह पिछले वित्त वर्ष में खली के निर्यात में 13 फीसदी बढ़ोतरी दर्ज की गई।

इससे पहले वर्ष 2013-14 में 11,500 करोड़ रुपये मूल्य का 43.81 लाख टन खली निर्यात हुआ था। मूल्य के लिहाज से वर्ष 2023-24 में खली निर्यात करीब 35 फीसदी बढ़कर 15,370 करोड़ रुपये हो गया। हालांकि पिछले वित्त वर्ष के आखिरी महीने मार्च में खली का निर्यात 31 फीसदी घटकर 3.95 लाख टन रह गया। वर्ष 2023-24 के दौरान सबसे अधिक 8.92 लाख टन खली का निर्यात बांग्लादेश को हुआ। इसके बाद 8.32 लाख टन दक्षिण कोरिया को और 6.33 लाख टन थाईलैंड को हुआ।

सोया खली का निर्यात
पिछले वित्त वर्ष कुल खली का निर्यात रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के साथ ही सोया खली का निर्यात भी उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। वर्ष 2023-24 के दौरान देश से 21.33 लाख टन सोया खली का निर्यात हुआ, जबकि इससे पहले वाले वर्ष 2022-23 में 10.22 लाख टन सोया खली का निर्यात हुआ था।

इस तरह वर्ष 2023-24 के दौरान सोया खली निर्यात बढ़कर दोगुना हो गया। वर्ष 2023-24 में सरसों खली के निर्यात में भी बढ़ोतरी दर्ज की गई और उक्त वर्ष 22.97 लाख टन सरसों खली का निर्यात हुआ, जो वर्ष 2022-23 में निर्यात हुई 22.13 लाख टन सरसों खली से ज्यादा है।

डी-ऑयल्ड राइस ब्रान ( De-oiled Rice Bran ) के निर्यात पर जुलाई में रोक लगने से इसका निर्यात घटकर 1.52 लाख टन रह गया, जबकि वर्ष 2022-23 में यह 5.95 लाख टन था। वर्ष 2023-24 में मूंगफली खली का निर्यात 29,873 टन से घटकर 14,833 टन और अरंडी खली का निर्यात 3.91 लाख टन से घटकर 3.72 लाख टन रह गया।