हल्दी की कीमतों में गिरावट, जीरा की कीमतों में तेजी की संभावना नहीं

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नई दिल्ली। हल्दी की कीमतों में शुक्रवार को गिरावट रही। प्रमुख उत्पादक राज्य महाराष्ट्र की मंडियों में अच्छी आवक एवं वायदा के मंदे समाचार मिलने के कारण मंडियों में हल्दी के भाव 200/400 रुपए प्रति क्विंटल तक मंदे के साथ बोले गए।

वायदा बाजार में भी अप्रैल को हल्दी भाव 590 रुपए एवं जून का भाव 562 रुपए मंदे के साथ बंद हुआ है। जानकारों का कहना है कि हालांकि इस वर्ष देश में हल्दी का उत्पादन गत वर्ष की तुलना में कम है लेकिन वर्तमान में निर्यातक एवं लोकल मांग कमजोर बनी हुई है।

आगामी दिनों में उत्पादक केन्द्रों पर आवक घटने एवं निर्यात मांग में सुधार होने के पश्चात कीमतों में तेजी आने की संभावना है। चालू सीजन के दौरान देश में हल्दी का उत्पादन अनुमन 45/50 लाख बोरी का लगाया जा रहा है जबकि गत वर्ष उत्पादन 85/90 लाख बोरी का रहा था। वर्तमान में मराठवाड़ा लाइन पर मौसम प्रतिकूल बना हुआ है। जिसक असर क्वालिटी पर पड़ने की संभावना है।

जीरा में तेजी नहीं : फिलहाल जीरा की कीमतों में तेजी की संभावना नहीं है। हालांकि चालू सीजन के दौरान देश में जीरा का उत्पादन गत वर्ष की तुलना में अधिक माना जा रहा है लेकिन अधिक उत्पादन के बावजूद मंडियों में आंकड़े नहीं बढ़ रही है।

व्यापारियों का कहना है कि भाव घटने के कारण उत्पादकों ने जीरा रोक लिया है जिस कारण से आगामी दिनों में मंडियों में जीरे की सप्लाई बराबर बनी जाएगी। जोकि अभी कीमतों को अधिक बढ़ने नहीं देगी।

वायदा बाजार में आज अप्रैल का जीरा 790 रुपए एवं मई का 530 रुपए मंदे के साथ बंद हुआ है। चालू सीजन के दौरान जीरा उत्पादन एक करोड़ बोरी के आसपास दोनों के संचार है।