नई दिल्ली। Electoral Bond: सुप्रीम कोर्ट ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को चुनावी बॉन्ड से जुड़ी जानकारी 6 मार्च तक देने को कहा था। बैंक ने इसे समय सीमा के भीतर जारी नहीं किया, अब एडीआर ने कोर्ट में बैंक के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की है। 4 मार्च को भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने चुनावी बॉन्ड से जुड़ी जानकारी सार्वजनिक करने के लिए 30 जून तक की मोहलत की मांग सुप्रीम कोर्ट से की थी।
उसने कहा था कि चुनावी बॉन्ड की “डिकोडिंग” और दानकर्ता का दान से मिलान एक जटिल प्रक्रिया होगी क्योंकि यह सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाए गए हैं कि दानदाताओं की पहचान गुप्त रखी जाए। सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी को चुनावी बॉन्ड योजना को असंवैधानिक करार दिया था और अपने आदेश में एसबीआई को 6 मार्च तक चुनाव आयोग को विस्तृत जानकारी देने को कहा था।
लेकिन एसबीआई ने समय सीमा के भीतर यह जानकारी नहीं दी और उसने उससे पहले ही सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका देकर इसे बढ़ाकर 30 जून तक करने की अपील की थी। एसबीआई के खिलाफ कोर्ट पहुंचा एडीआर अब एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने एसबीआई की ओर से जानकारी नहीं दिए जाने के बाद सुप्रीम कोर्ट में एक अवमानना याचिका दायर की है।
कोर्ट ने एसबीआई को अप्रैल 2019 से खरीदे गए चुनावी बॉन्ड का विवरण (जैसे खरीद की तारीख, खरीदार का नाम और मूल्य) 6 मार्च तक चुनाव आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशन के लिए आयोग के पास जमा करने के लिए कहा था। गैर-लाभकारी संगठन एडीआर ने ही चुनावी बॉन्ड योजना, 2018 के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दी थी और उसके बाद कोर्ट ने योजना को असंवैधानिक करार दिया था और एसबीआई को तत्काल बॉन्ड जारी करने से रोकने का आदेश दिया।
एडीआर की क्या है मांग
एडीआर ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के समक्ष मामले का उल्लेख किया और 11 मार्च को सुनवाई की मांग की। इसी दिन एसबीआई की याचिका पर सुनवाई होने की उम्मीद है। वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने सीजेआई के सामने पेश याचिका में चुनाव आयोग को 12 अप्रैल, 2019 से खरीदे गए चुनावी बॉन्ड का पूरा विवरण जमा करने के लिए 6 मार्च की अदालत द्वारा निर्धारित समय सीमा का पालन नहीं करने के लिए एसबीआई के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने की मांग की। प्रशांत भूषण ने कहा कि एसबीआई ने जानकारी देने के लिए 30 जून तक समय बढ़ाने की मांग करते हुए एक आवेदन दायर किया, जिसे सोमवार को सूचीबद्ध किए जाने की संभावना है। उन्होंने अपील किया कि अवमानना याचिका को भी एसबीआई की याचिका के साथ सूचीबद्ध किया जाए।