भारत में मसूर का आयात 14.95 लाख टन के नए रिकॉर्ड स्तर पर

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मुम्बई। बेहतर घरेलू उत्पादन के बावजूद देश में मसूर का बेतहाशा आयात हो रहा है और चालू वित्त वर्ष के आरंभिक 10 महीनों में इसकी मात्रा उछलकर सर्वकालीन सर्वोच्च स्तर पर पहुंच गई जबकि दो माह का आंकड़ा सामने आना अभी बाकी है।

उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल 2023 से जनवरी 2024 के दस महीनों के दौरान देश में कुल 14,95,496 टन मसूर का रिकॉर्ड आयात हुआ जो वित्त वर्ष 2022-23 की समान अवधि के आयात 6,25,896 टन के दोगुने से ज्यादा तथा 2021-22 के इन्हीं महीनों के आयात 5,90,499 टन के ढाई गुणा से ज्यादा है।

उल्लेखनीय है कि वित्त वर्ष 2022-23 की सम्पूर्ण अवधि (अप्रैल-मार्च) के दौरान देश में कुल 8,58,438 टन मसूर का आयात हुआ था जबकि 2023-24 का आयात उससे दोगुना हो सकता है।

इससे पूर्व 2021-22 में 6,67,431 टन मसूर का आयात हुआ था जबकि वित्त वर्ष 2020-21 में आयात बढ़कर 11,16,174 टन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचा था। वित्त वर्ष 2019-20 में आयात 8,54,460 टन दर्ज किया गया था.

मसूर का आयात अप्रैल 2023 में 66,447 टन, मई में 61,999 टन, जून में 1,70,176 टन, जुलाई में 1,67,803 टन, अगस्त में 1,44,128 टन, सितंबर में 1,91,531 टन, अक्टूबर में 1,43,685 टन, नवम्बर में 1,64,146 टन तथा दिसम्बर में 2,37,836 टन हुआ जबकि जनवरी में 1,47,745 टन का आयात होने का अनुमान है।

मसूर का आयात मुख्यत: ऑस्ट्रेलिया एवं कनाडा से होता है। हालांकि वर्ष 2022 की तुलना में 2023 के दौरान इन दोनों देशों में मसूर का उत्पादन कम हुआ है लेकिन फिर भारत की मांग एवं जरूरत को पूरा करने के लिए वहां इसका पर्याप्त स्टॉक मौजूद है। इस बार मसूर का घरेलू उत्पादन भी बढ़कर 16 लाख टन से ऊपर पहुंच जाने का अनुमान है।