नई दिल्ली। थोक और खुदरा बाजारों में लहसुन की कीमतें आसमान छू रही हैं। देश के कई शहरों में एक किलो लहसुन की कीमत 600 रुपये तक पहुंच गई है। हालांकि, व्यापारियों का कहना है कि एक महीने में स्थिति सामान्य हो जाएगी। लहसुन की कीमतों में उछाल की वजह से लोग इसकी खरीदारी में कटौती कर रहे हैं। कम उपज और कमजोर सप्लाई की वजह से लहसुन की कीमतों में तेजी देखने को मिल रही है।
थोक मंडियों में भाव: कमोडिटी ऑनलाइन के मुताबिक बुधवार को थोक मंडियों में लहसुन की औसत कीमत 7275 रुपये प्रति क्विंटल है। इसकी अधिकतम औसत कीमत 82000 और न्यूनतम 64000 रुपये प्रति क्विंटल है। कोटा मंडी में मंगलवार को पुराना लहसुन 7500 से 34000 रुपये और नया लहसुन 15000 से 22000 रुपये प्रति क्विंटल रहा। लहसुन की बढ़ती कीमतों की वजह से खुदरा बाजार में भी स्थिति गंभीर हो गयी है। खुदरा कीमत पिछले सप्ताह ₹280-300 प्रति किलोग्राम से बढ़कर अब ₹520-600 प्रति किलोग्राम हो गई है।
कब तक मिलेगी राहत: बाजार के थोक विक्रेता सूर्यकांत घोडेकर के अनुसार, बाजार में सप्लाई पर्याप्त नहीं है। गुजरात से स्टॉक खत्म हो रहा है और कुछ स्टॉक मध्य प्रदेश से आ रहा है। पूरे देश में इसकी कमी है। तेजी कब तक रहेगी के सवाल पर उन्होंने बताया कि कम से कम 15 दिनों तक स्थिति कठिन रहेगी। तब तक कीमत 200 रुपये प्रति किलो से नीचे नहीं जाएगी। स्थिति को पूरी तरह सामान्य होने में कम से कम एक महीना लगेगा, क्योंकि तब तक नया स्टॉक भरपूर मात्रा में आ जाएगा।