नई दिल्ली। उत्पादक केन्द्रों पर अधिक बिजाई के कारण वायदा एवं हाजिर बाजार में जीरा की कीमतें दिन-प्रतिदिन घट रही है। वर्तमान में लोकल उठाव के अलावा निर्यातकों की लिवाली भी नहीं है।
आने वाली फसल गत वर्ष की तुलना में लगभग दोगुनी होने की संभावना से बाजार में धारणा मंदे की बनी हुई है। कमजोर मांग के कारण प्रमुख मंडी ऊंझा में जीरे के भाव 400/500 रुपए प्रति क्विंटल मंदे रहे। राजस्थान की मंडियों में भी भाव मंदे रहे।
वायदा बाजार में जनवरी माह का जीरा 1870 रुपए एवं मार्च का 355 रुपए मंदे के साथ बंद हुआ है। सूत्रों का कहना है कि चालू माह के अंत तक गुजरात की मंडियों में नए मालों की आवक शुरू हो जाएगी।
जबकि मार्च माह में राजस्थान की मंडियों में आवक होगी। अधिक बिजाई के कारण अभी तक मौसम फसल के अनुकूल बना रहने की संभावना व्यक्त की जा रही है। इस वर्ष जीरा उत्पादन लगभग 1 करोड़ बोरी के आसपास हो जाएगा।
बड़ी इलायची में तेजी
बड़ी इलायची की कीमतों में तेजी रही। चालू वित्त वर्ष के दौरान देश में ही नहीं अपितु विदेशों में भी उत्पादन कम रहने के कारण माल की उपलब्धता कमजोर बनी हुई है।
जिस कारण से मांग निकलने के साथ ही बड़ी इलयाची की कीमतों में तेजी शुरू हो जाती है। दिल्ली बाजार में आज बड़ी इलायची के भाव 30/40 रुपए प्रति किलो तक बढ़ाकर बोले गए है।
जबकि सिलीगुड़ी में नेपाल टाप जेजे का भाव 1325 रुपए से तेजी के साथ 1375 रुपए पर बोला गया। स्योर-फार-स्योर का भाव 25 रुपए मजबूती के साथ 1550 रुपए पर बोला जाने लगा है। सूत्रों का मानना है। कि हाजिर में माल की सप्लाई कम रहने के कारण कीमतों में मंदे की संभावना नहीं है।