आम व्यक्ति के लिए न्याय पाना सरल, सुलभ और सस्ता हो: स्पीकर बिरला

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अभिभाषक परिषद की नवनिर्वाचित कार्यकारिणी का शपथ ग्रहण समारोह

कोटा। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला गुरूवार को अभिभाषक परिषद की नवनिर्वाचित कार्यकारिणी के शपथ ग्रहण समारोह में सम्मिलित हुए। इस दौरान उन्होंने वकीलों से आग्रह किया कि वे न्यायिक अधिकारियों से बेहतर समन्वय बनाकर एक ऐसी व्यवस्था स्थापित करने का प्रयास करें जिसमें सभी के लिए न्याय प्राप्त करना सरल, सहज, सुलभ और सस्ता हो।

अदालत परिसर में आयोजित कार्यक्रम में स्पीकर बिरला ने कहा कि वकीलों का भारत के स्वतंत्रता संग्राम में बड़ा योगदान रहा। आजादी के लिए संघर्ष कर रहे अधिकांश बड़े नेता वकील ही थे। स्वाधीनता प्राप्ति के बाद संविधान और महत्वपूर्ण कानूनों के निर्माण में भी वकीलों की महत्वपूर्ण भूमिका रही। संविधान के कारण ही हमारी न्याय पालिका स्वतंत्र, निष्पक्ष और निडर है। देश क जनता की भी न्याय पालिका में गहरी आस्था है।

उन्होंने कहा कि इस समय देश में न्यायिक सुधार की दिशा में बड़ा कार्य हो रहा है। अप्रसंगिक हो चुके अनेक कानून रद्द किए गए हैं तो अंग्रेजों के जमाने के कानूनों को भी बदला जा रहा है। देश में जल्द भारतीयों के बनाए कानून लागू होंगे। इसके बाद भी आम आदमी को जल्द दिलवाने की जिम्मेदारी वकीलों की है।

बिरला ने कहा कि जो भी नए कानून बन रहे हैं उनमें भाषा को सरल रखा जा रहा है ताकि आम व्यक्ति भी उसे आसानी से समझ सके। न्यायिक अधिकारी भी फैसलों में ऐसी भाषा का उपयोग करें जो आम आदमी के समझ में आए। इससे पूर्व अभिभाषक परिषद के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मनोज पुरी और महासचिव अजय श्रंगी तथा कार्यकारिणी सदस्यों ने अतिथियों का स्वागत किया।

स्पीकर बिरला ने कहा कि वकीलों की हड़ताल से सबसे अधिक परेशानी उस गरीब व्यक्ति को होती है जो बहुत दूर से न्याय पाने की आस में अदालत तक आता है और यहां उसको पता चलता है कि नई तारीख मिल गई है। वकीलों और न्यायिक अधिकारियों के बीच बेहतर संबंधों और समन्वय पर बल देते हुए उन्होंने सुझाव दिया कि व्यवस्था परिवर्तन का जो भी विषय हो उस पर चर्चा-संवाद से ही निर्णय लिया जाना चाहिए।

स्पीकर बिरला ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु के वक्तव्य का उल्लेख करते हुए कहा कि आज भी अनेक ऐसे लोग हैं जो जमानत के लिए धन के अभाव या अन्य कारणों से वर्षों से जेल में बंद हैं। न्यायिक अधिकारी और वकील संयुक्त रूप से जेल का निरीक्षण कर ऐसे मामले सामने लाएं और उनकी मदद करें।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधायक संदीप शर्मा ने कहा कि कोटा के हितों के प्रति अभिभाषक परिषद सदैव समर्पित रही है। ऐसे अनेक अवसर आए जब वकीलों ने लोगों के अधिकारों के लिए जन आंदोलन किया। विधायक कल्पना देवी ने कहा कि आम व्यक्ति और न्याय के बीच वकील सबसे महत्वपूर्ण कड़ी हैं। आम व्यक्ति न्याय की उम्मीद के साथ उनके पास आता है। कार्यक्रम को जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा शहर पुलिस अधीक्षक शरद चौधरी ने भी सम्बोधित किया।