मेथी की कीमतों में अधिक तेजी की संभावना नहीं, जानिए अभी तक कितनी हुई बुआई

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नई दिल्ली। उत्पादक केन्द्रों पर पर्याप्त स्टॉक होने के कारण मेथी की कीमतों में अधिक तेजी की संभावना नहीं है। देश में मेथी की बिजाई घटने के अनुमान लगाये जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2022 के दौरान देश में मेथी की कुल बिजाई 1.91 लाख हेक्टेयर पर की गई थी जोकि 2023 में घटकर लगभग 1.35 लाख हेक्टेयर की रह गई थी। चालू सीजन के दौरान भी कुल बिजाई क्षेत्रफल घटने के अनुमान लगाये जा रहे हैं। मेथी का मुख्यत उत्पादन गुजरात, मध्य प्रदेश एवं राजस्थान में होता है।

गुजरात: चालू सीजन के दौरान गुजरात में मेथी का उत्पादन 25/30 प्रतिशत कम रहने के समाचार है। क्योंकि उत्पादकों को जीरा, सौंफ, इसबगोल की कीमते अधिक मिलने के कारण मेथी की बिजाई कम क्षेत्रफल पर की गई है।

मध्य प्रदेश: सूत्रों का कहना है कि जावरा लाइन पर मेथी की बिजाई गत वर्ष के समान हुई है जबकि नीमच, मंदसौर लाइन पर बिजाई 20/25 प्रतिशत कम रहने के अनुमान है। व्यापारियों का कहना है कि नीमच, मंदसौर लाइन पर पोस्ता, इसबगोल एवं चना की बिजाई अधिक क्षेत्रफल पर की जा रही है।

राजस्थान: कृषि विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार 5 दिसम्बर तक राज्य में मेथी की बिजाई 53 हजार हेक्टेयर पर की जा चुकी है। गत वर्ष बिजाई 52 हजार हेक्टेयर पर की गई थी।

उत्पादन: कमजोर बिजाई के कारण वर्ष 2023 के दौरान देश में मेथी का उत्पादन 17.47 लाख बोरी का रहा था जबकि वर्ष 2022 में उत्पादन 25.86 लाख बोरी का हुआ था। मगर वर्ष 2023 में निर्यात कम मात्रा में होने के कारण पूरे वर्ष मेथी की कीमतों में तेजी नहीं बन पाई।

निर्यात: मसाला बोर्ड द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-सितम्बर 2023 के दौरान मेथी का निर्यात 13990.64 टन का किया गया जबकि अप्रैल-सितम्बर 2022 में निर्यात 21306.34 टन का किया गया था।

मंदा-तेजी: सूत्रों का कहना है कि उत्पादक केन्द्रों पर पर्याप्त स्टॉक होने के कारण अभी हाल-फिलहाल मेथी की कीमतों में अधिक तेजी की संभावना नहीं है। नए मालों की आवक शुरू होने तक बाजार सीमित दायरे में बने रहेगे। नए मालों की आवक मार्च माह में शुरू हो जाएगी।