जयपुर। कांग्रेस विधायक दल की बैठक मंगलवार को जयपुर में पार्टी के राज्य मुख्यालय में हुई। पार्टी सूत्रों ने बताया कि बैठक में सभी विधायकों ने एक स्वर में नेता प्रतिपक्ष का नाम तय करने का फैसला पार्टी आलाकमान पर छोड़ दिया।
पार्टी विधायकों ने इस बारे में एक लाइन का प्रस्ताव पारित किया। गौर करने वाली बात यह कि बैठक में सभी विधायकों से अभी से लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट जाने के निर्देश दिए गए। कांग्रेस विधायक दल की बैठक में क्या बातें हुई इस बारे में पार्टी के कद्दावर नेता अशोक गहलोत ने जानकारी दी।
राजस्थान के निवर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधायक दल की बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए कहा कि बैठक बहुत अच्छे माहौल में हुई। बैठक में एक लाइन का प्रस्ताव पास हुआ कि हाई कमान जिसको भी विधायक दल का नेता बनाएगा सभी उसे स्वीकार करेंगे। यह हमारी पहले से परंपरा रही है। इस बार भी इसका पालन किया गया। बाकी जो अलग से राय देना चाहे पार्टी पर्यवेक्षकों को दे सकता है।
चुनाव नतीजों पर अशोक गहलोत ने कहा- छत्तीसगढ़, एमपी और राजस्थान में हमारा वोट शेयर कम नहीं हुआ है। यह आगे के लिए शुभ संकेत है। नतीजे अप्रत्याशित हैं। हम नतीजों का विश्लेषण करेंगे। भाजपा के पक्ष में उनका वोट शेयर खिसका है जो निर्दलीय या अन्य दलों से चुनाव लड़ते थे। हम विकास और स्थानीय मुद्दे पर चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन बीजेपी के बड़े नेताओं ने झूठ बोला और लोगों को गुमराह किया। राजस्थान में हमारी सरकार ने अच्छे काम किए थे। सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर नहीं थी।
अशोक गहलोत ने बताया कि विधायकों से आगामी लोकसभा चुनावों की तैयारी पर भी बात हुई। सभी विधायकों से कहा गया है कि वे अभी से लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट जाएं। भाजपा के नेताओं ने चुनाव जीतने के लिए झूठ बोला। भाजपा के नेताओं ने लोगों को गुमराह किया। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं को यह शोभा नहीं देता कि झूठ के बलबूते राजनीति करें और लोगों को गुमराह करें। भाजपा नेताओं ने पूरा चुनाव झूठ के आधार पर लड़ा। वे ध्रुवीकरण करने में कामयाब रहे।
बैठक में निवर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, सचिन पायलट, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, मुकुल वासनिक, मधुसूदन मिस्त्री, कांग्रेस पर्यवेक्षक भूपिंदर सिंह हुड्डा भी शामिल हुए। उल्लेखनीय है कि राज्य के विधानसभा चुनावों में 200 सीटों में से भाजपा को 115 के साथ बहुमत मिला जबकि कांग्रेस 69 सीटों पर सिमट गई। बैठक में नेता प्रतिपक्ष के चयन सहित कई अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई। नतीजों के बाद अशोक गहलोत ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया है।