Black Pepper Prices: आवक की कमी से कालीमिर्च के भाव में तेजी रहने की उम्मीद

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कोच्चि। Black Pepper prices: श्रीलंका में फसल आपूर्ति का सीजन लगभग समाप्त होने, लग्नसरा का सीजन जारी रहने तथा प्रमुख खपतकर्ता केन्द्रों में त्यौहारी सीजन की खपत के बाद स्टॉक कम रहने से कालीमिर्च का भाव मजबूत बना हुआ है और नए माल की जोरदार आवक शुरू होने तक कीमतों में मजबूती का माहौल बरकरार रहने की उम्मीद है।

घरेलू प्रभाग में मौजूद सीजन जल्दी ही समाप्त होने वाला है इसलिए उत्पादक मंडियों में कालीमिर्च की आवक घटने लगी है। पहले कर्नाटक, केरल एवं तमिलनाडु जैसे शीर्ष उत्पादक राज्यों में मौसम शुष्क एवं गर्म रहने से कालीमिर्च की फसल को काफी नुकसान होने की आशंका व्यक्त की जा रही थी लेकिन अक्टूबर-नवम्बर की बारिश से फसल की हालत कुछ सुधरने की उम्मीद की जा रही है। दक्षिणी राज्यों में अब भी वर्षा का दौर जारी है। इससे फसल को कुछ फायदा हो सकता है।

कालीमिर्च का नया माल दिसम्बर से आना शुरू हो जाता है जो बहुत दूर नहीं है लेकिन आपूर्ति की रफ्तार जनवरी से जोर पकड़ती है। पहले जब भाव तेज होता था तब नवम्बर से ही इसकी तुड़ाई-तैयारी शुरू हो जाती थी।

मोटे अनुमान के मुताबिक कालीमिर्च के उत्पादन में 10-15 प्रतिशत तक की गिरावट आ सकती है जबकि केरल एवं कर्नाटक में फसल की प्रगति के चरण में बारिश का अभाव होने से इसके पकने में देर हो गई इसलिए नए माल की आवक कुछ लेट से शुरू होने की संभावना है।

कोच्चि के टर्मिनल मार्केट सहित अन्य प्रमुख उत्पादक मंडियों में कालीमिर्च की कम आवक के बीच कारोबार सुस्त चल रहा है और दिसावरी खरीदार नए माल के आने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। समझा जाता है कि मध्य दिसम्बर के बाद ही कुछ कारोबार हो सकता है।

श्रीलंका में तो फसल आ चुकी है और वियतनाम में जनवरी-फरवरी में आने की संभावना है लेकिन वियतनाम अपने पिछले स्टॉक की कालीमिर्च भारतीय बाजार में सस्ते दाम पर उतार रहा है। श्रीलंका में भाव बढ़ गया है इसलिए वहां से इसका आयात लाभप्रद प्रतीत नहीं हो रहा है।

वियतनामी आयात पर अंकुश लगाए जाने की आवश्यकता है। कुछ अन्य देशों से भी इसका छिटपुट आयात होता रहता है। कोच्चि में कालीमिर्च का भाव पिछले दिन 600-610 रुपए प्रति किलो चल रहा था जबकि दिल्ली में भाव 680/685 रुपए प्रति किलो दर्ज किया गया।

हल्दी की कीमतों में तेजी रहने के अनुमान
महाराष्ट्र में हाल ही में हुई बारिश से हल्दी फसल को फायदा मिलने के समाचार हैं। वर्तमान में फसल को पानी की आवश्यकता थी, जो अभी की बारिश ने पूरी कर दी है। जिससे आने वाली फसल पूर्वानुमानों की तुलना में बढ़ेगी। उल्लेखनीय है कि इस वर्ष इरोड को छोड़कर अन्य उत्पादक राज्यों में हल्दी की बिजाई कम रही है।

जिस कारण से जनवरी-फरवरी में आने वाले वर्ष की तुलना में कम रहेगी। जिस कारण से वर्ष 2024 में हल्दी की कीमतों में तेजी रहने के अनुमान लगाए जा रहे हैं। उत्पादक केन्द्रों पर बारिश होने के कारण आज दिसम्बर का हल्दी वायदा 324 रुपए मंदे के साथ बंद हुआ है। जबकि अप्रैल वायदा 62 रुपए घट गया है।