बड़े मथुराधीश मंदिर पर दीपोत्सव प्रारम्भ, कान जगाई 12 को, 13 को होगा अन्नकूट

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कोटा। पुष्टिमार्गीय वल्लभ सम्प्रदाय की प्रथम पीठ मथुराधीश जी मंदिर में दीपोत्सव के अवसर पर आयोजित होने वाले पांच दिवसीय त्यौहार की शुक्रवार को धनतेरस के साथ शुरुआत हुई। प्रथम पीठ युवराज मिलन बावा ने बताया कि शनिवार को रूप चतुर्दशी, 12 नवंबर को दीपावली एवं कान्ह जगाई का त्यौहार होगा।

वहीं, 13 नवंबर को यहां सबसे बड़ा आयोजन गोवर्धन पूजा एवं अन्नकूट होगा। गोवर्धन पूजा के अवसर पर दीपावली के दिन मथुराधीश प्रभु की मुख्य गोशाला से आने वाली गोमाता मंदिर के गोवर्धन पूजा चौक में सजाए जाने वाले गोबर से बने गोवर्धन को खूंदेगी। इसके बाद रात्रि को प्रभु को अन्नकूट का भोग आरोगाया जाएगा। इसके बाद 14 नवंबर को भैयादूज का त्यौहार मनाया जाएगा। इस दिन भी मथुराधीश प्रभु को विशेष शृंगार धराया जाएगा।

श्रीमिलन बावा सहाब ने बताया कि अन्नकूट पर प्रभु को गोकर्ण पहनाए जाते हैं। गोकर्ण मतलब गो-पालक जैसे कपड़े एवं जरी के कान, जिससे प्रभु गायों को रिझाते हैं। पुष्टिमार्ग में प्रभु गोवर्धन पूजा कोई देव की तरह करने नहीं अपने परिवार की तरह की जाते हैं। प्रभु को उस दिन चांदी के सुखपाल यानी पालकी में विराजमान किया जाता है।

फिर गोबर से निर्मित गोवर्धन की पूजा कर फिर गोवंश की पूजा की जाती है। फिर मथुराधीश जी को भोग लगाकर उनकी परिक्रमा की जाती है। इसके बाद गोवर्धन के ऊपर से गाय अपने पग खून्दन कर वापस जाती है। फिर सभी वैष्णव जन परिक्रमा कर कीर्तन करते हैं। प्रसादी वितरित की जाती है।